
मोदी सरकार में राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने अपनी अभद्र जुबान पर सफाई देने की कोशिश की, लेकिन उग्र हो रही कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया है. मंगलवार को पार्टी ने संसद में इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद साध्वी को अपने बयान पर खेद जताना पड़ा. उन्होंने कहा, 'मैं अपने शब्द वापस लेती हूं और इस पर माफी मांगने को भी तैयार हूं.' लेकिन कांग्रेस निरंजन ज्योति को मंत्रिपरिषद से निकालने की मांग कर रही है. लेकिन सरकार ने कहा है कि साध्वी के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है और विपक्ष चाहे तो उनके खिलाफ एफआईआर करवा दे.
सदन में खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली को खड़े होकर अपनी ओर से माफी मांगनी पड़ी. उन्होंने कहा कि साध्वी निरंजन ज्योति ने खेद शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन अब वह माफी भी मांग चुकी हैं. राज्यसभा में कांग्रेस ने प्रश्नकाल स्थगित करने का प्रस्ताव दिया है. इससे पहले, भारी हंगामे के चलते लोकसभा को सुबह थगित भी करना पड़ा. सदन के बाहर भी साध्वी ज्योति ने दोबारा माफी मांगी. उन्होंने कहा, 'मैं संत हूं, संत होने के नाते भी मैं माफी मांगती हूं. मैं झुकने के लिए तैयार हूं. मैंने संसद के दोनों सदनों से माफी मांगी है. अगर मेरे बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, मैं अपने शब्द वापस लेती हूं और माफी मांगती हूं.' अनुशासित PM मोदी के बड़बोले मंत्री
बयान के बाद बेतुकी सफाई
बयान पर विवाद होने के बाद उन्होंने जो सफाई दी, वह भी बेहद बेतुकी थी. उन्होंने कहा, 'मैंने किसी का नाम नहीं लिया. किसी पार्टी, नेता, धर्म या जाति का नाम नहीं लिया. हमने अलगाववादी शक्ति के बारे में बोला, जो देश को नहीं मानते, संसद पर हमला करते हैं, ऐसे लोगों को आप क्या कहेंगे? हिंदुस्तान में रहने वाला व्यक्ति हिंदुस्तानी है. यदि वह खुद को हिंदुस्तानी नहीं मानता, ऐसे व्यक्ति के लिए ही मैंने कहा है.'
साध्वी निरंजन ज्योति के बयान पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने बयान को आपत्तिजनक बताया. पार्टी के प्रमोद तिवारी ने तो यहां तक कह डाला कि बीजेपी सरकार में आतंकवादियों और नक्सलियों के अच्छे दिन आ गए हैं. वहीं सपा नेता नरेश अग्रवाल ने प्रधानमंत्री से मामले में दखले देने और अपने मंत्रियों को समझाने की अपील की. आम आदमी पार्टी भी साध्वी के बयान के बहाने बीजेपी पर वार कर रही है. पार्टी सांसद भगवंत मान ने कहा, 'हम मामले को संसद में उठाएंगे. बीजेपी अभिमान की भाषा बोल रही है, दिल्ली के लोग सब देख रहे हैं.'