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दिल्ली में कड़ाके की सर्दी के बावजूद जंतर मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ राजद, सपा और जेडीयू समेत 6 दलों का महाधरना शुरू हो चुका है. बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं ने जंतर मंतर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है. गौरतलब है कि मोदी सरकार के विभिन्न मोर्चों पर असफल रहने और चुनावी वायदों को पूरा नहीं करने के खिलाफ जनता परिवार प्रदर्शन कर रहा है. धरने पर पहले नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर हमला बोला और फिर लालू प्रसाद यादव और मुलायम सिंह यादव ने संबोधन किया. इस मौके पर लालू ने कहा कि जनता परिवार का झंडा अब एक होगा और मुलायम हमारे नेता हैं. इसके बाद मुलायम सिंह ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य में हैं और अब दिल्ली पर कब्जा करना है. हम यूपी और बिहार तक सीमित नहीं रहेंगे.
जंतर मंतर में जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को जमकर आड़े हाथों लिया. नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने किसानों से झूठा वायदा किया. नीतीश ने कहा कि बीजेपी ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य का वादा किया था, लेकिन यह वादा वादा ही रह गया. नीतीश कुमार ने कालेधन की वापसी पर भी केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि मोदी ने देश के हर परिवार को पैसे देने का वादा किया था. जनता ने वोट दे दिया और अब लोग अफसोस कर रहे हैं. नीतीश ने जंतर-मंतर पर धरने के दौरान 'मन की बात' का ऑडियो भी सुनाया.
नीतीश ने कहा कि मोदी ने जनता को झूठे सपने दिखाए और अब वह अपने वादे से पलट गए हैं. मोदी सरकार देश को बांटने की साजिश कर रही है. पैसे देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है. 100 दिन में काला धन वापस लाने का क्या हुआ? बीजेपी ने युवाओं से रोजगार का वादा किया था, लेकिन नई नौकरियां तो छोड़ो जो भर्ती पहले से होने वाली थीं, उन पर भी रोक लगा दी गई है.
नीतीश के बाद लालू यादव मंच पर आए. उन्होंने कहा, 'हम सभी एक हो गए हैं, लोग पुराने दिनों को भूल जाएं. मोदी मीडिया के माध्यम से प्रचार कर रहे हैं, लेकिन वह जानते नहीं हैं कि हम लोग कौन हैं. ज्यादा दिन तक हम लोगों का चुप रहना ठीक नहीं है.' लालू ने कहा, 'रामदेव कहां है, उनसे कहो, नरेंद्र मोदी का हिसाब गड़बड़ा रहा है. आकर उनका हिसाब-किताब ठीक कराओ. एक महीना हुआ, दो महीना हुआ, छह महीना हो गया है, पैसा कहां है, पैसा लाओ.'
लालू ने कहा, 'नरेंद्र मोदी ने 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, उसका क्या हुआ. अच्छे दिन, अच्छे दिन, कहां गया पैसा, लोगों के अकाउंट में पैसा जमा कराओ.'
सूत्रों के मुताबिक छह दलों के महाविलय में अभी कुछ समय लग सकता है और शुरुआत के रूप में सोमवार को लालू प्रसाद के नेतृत्व वाला राजद और नीतीश कुमार की अगुवाई वाला जदयू एक हो सकते हैं. बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी का संयुक्त रूप से सामना करने की तैयारी के लिए ये दोनों दल महाविलय की प्रतीक्षा किए बिना पहले से ही संभवत: एक दल का रूप ले लेंगे.
इससे पहले जदयू के एक नेता ने अपना नाम उजागर नहीं करने के आग्रह पर बताया कि उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के विधानसभा चुनाव अभी दूर हैं इसलिए सपा और जदयू एस के विलय की इतनी जल्दी नहीं है. उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव 2017 में होने हैं. उन्होंने बताया कि चूंकि राजद नेता लालू प्रसाद और जदयू के नीतीश कुमार और शरद यादव सोमवार को यहां रहेंगे इसलिए दोनों दलों के बीच विलय के पूरे संकेत हैं. इससे छह दलों के महाविलय की प्रक्रिया को भी गति मिलेगी.
लोकसभा चुनावों में बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के हाथों जदयू, राजद और कांग्रेस का लगभग सफाया हो गया था. बाद में राज्य विधानसभा की कुछ सीटों के लिए हुए उप चुनाव में इन तीनों दलों ने आपसी तालमेल से चुनाव लड़ा और बेहतर प्रदर्शन किया.
इस महाविलय के प्रयास में सबसे सक्रिय शरद यादव ने रविवार को कहा कि दिल्ली में 22 दिसंबर को महाधरना दिया जाएगा जो छह दलों के संभावित विलय की ओर पहला ठोस कदम होगा. उन्होंने हालांकि, इस महाविलय की कोई समय सीमा तय करने के इंकार किया.
पिछले कई महीनों से इस विलय की प्रक्रिया जारी है और पिछले महीने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने पांच राजनीतिक दलों, जदता दल यू, जनता दल एस, इंडियन नेशनल लोकदल, समाजवादी जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं को दिल्ली स्थित अपने आवास पर भोज बैठक में बुला कर इसे सार्वजनिक किया. बैठक में शरद यादव, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद, आईएनएलडी के दुष्यंत चौटाला और एसजेपी के कमल मोरारका शामिल हुए थे.
सूत्रों ने बताया कि सोमवार को यहां जंतर मंतर पर होने वाले महाधरना में ये सभी नेता उपस्थित होंगे. लालू प्रसाद की पुत्री राजलक्ष्मी का मुलायम सिंह के पोते तेज प्रताप यादव से विवाह तय होने से इन दोनों के बीच पारिवारिक संबंध भी हो गए हैं. महाधरना में कालाधन वापस लाने के नरेन्द्र मोदी के लोकसभा चुनाव में किए गए वायदे को पूरा नहीं करने पर उनकी सरकार को निशाने पर लिया जाएगा. इसके अलावा युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने में सरकार के कथित तौर पर नाकाम रहने पर भी उसे घेरा जाएगा.