वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (WUC) के लीडर डोल्कन ईसा को भारत ने वीजा देने से इनकार कर दिया है. ईसा को चीन में आतंकी माना जाता है. चीन लगातार उनको वीजा देने का विरोध कर रहा था. भारत ने वीजा रद्द करने की वजह गलत कैटेगरी में वीजा अप्लाई करना बताया है. सूत्रों के मुताबिक, यदि वह टूरिस्ट वीजा पर भारत आते, तो कॉन्फ्रेंस को संबोधित नहीं कर सकते. चीन की ओर से लगातार बनाया जा रहा दबाव और इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस भी वीजा रद्द होने के पीछे एक कारण माना जा रहा है.
जानिए, कौन है डोल्कन ईसा?
- डोल्कन ईसा 1985-89 के दौरान झिंजियांग यूनिवर्सिटी में छात्र नेता थे. उनकी विद्रोही गतिविधियों के कारण यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया.
- यूनिवर्सिटी से निकाले जाने के बाद भी ईसा ने तुर्की से स्वतंत्र छात्र के रूप में पॉलिटिक्स और साइकोलॉजी में पीजी किया.
- चीनी सरकार के खिलाफ बगावती तेवर के कारण ईसा को प्रताड़ित किया जाने लगा. इस वजह से 1997 में वह यूरोप भाग गए.
- 2006 में उन्होंने जर्मनी की नागरिकता ग्रहण कर ली. इसके बाद ईसा वर्ल्ड उइगर कांग्रेस (WUC) का गठन किया.
- WUC चीन से बाहर रहने वाले उइगर कम्युनिटी के लोगों का एक ग्रुप है. ईसा इसके महासचिव हैं.
- ईसा पर चीन के शिंजियांग प्रोविंस में आतंकवादी घटनाओं में शामिल होने और हत्या की साजिश रचने का आरोप है.
- 1997 से वह इंटरपोल की लिस्ट में है. चीन का मानना है कि इन्होंने मुस्लिम बहुल शिंजियांग प्रोविंस में आतंकवाद को बढ़ावा दिया है.
- शिंजियांग में उइगर मुसलमानों की आबादी एक करोड़ से ज्यादा है. इन्हें तुर्किक मूल का मुस्लिम माना जाता है.
- यहां उइगर मुसलमान अलग-अलग मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चीन ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट को आतंकी संगठन मानता है.
- डोल्कन ईसा का कहना है कि पूर्वी तुर्किस्तान और भारत के बहुत पुराने रिश्ते थे. उइगर भारत को प्यार करते हैं.
- उइगर समुदाय की महिलाएं अपनी खूबसूरती के लिए दुनिया भर में जानी जाती हैं. इनमें से ज्यादातर डांसर, मॉडल और एक्टिंग से जुड़ी हैं.