
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की बांगरमऊ तहसील में दस महीनों के दौरान एक ही सिरींज से इंजेक्शन लगाकर कई लोगों को एचआईवी संक्रमित करने वाले झोलाछाप डाक्टर को पकड़ लिया गया.
कोतवाली प्रभारी अरूण प्रताप सिंह ने बताया कि झोलाछाप डाक्टर राजेन्द्र कुमार को पकड़ने के लिए पुलिस की कई टीमें लगायी गई थीं. उसे आज गिरफ्तार कर लिया गया. इस बीच राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) और उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी की टीमें जिला अस्पताल और मुख्य चिकित्साधिकारी के कार्यालय पहुंची.
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एस पी चौधरी ने बताया कि दोनों ही संगठनों के सात सदस्यों ने घटनाक्रम का जायजा लिया. ये टीमें प्रभावित क्षेत्रों का भी दौरा करेंगी. उन्होंने बताया कि अब तक बांगरमऊ में 58 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए.
अप्रैल से जुलाई के बीच नियमित परीक्षण के दौरान अकेले बांगरमऊ तहसील से एचआईवी संक्रमण के 12 मामले सामने आए. इसके बाद नवंबर 2017 में हुए एक अन्य परीक्षण में 13 अन्य मामले सामने आए.
चौधरी ने बताया कि इतनी अधिक संख्या में मामले प्रकाश में आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने दो सदस्यीय समिति का गठन किया, जो बांगरमऊ में विभिन्न जगहों पर संक्रमण फैलने की वजह पता लगाने गई. उन्होंने बताया कि टीम प्रेमगंज और चकमीरपुर गयी और अपनी रिपोर्ट सौंपी. उसके आधार पर बांगरमऊ में तीन जगहों पर 24 , 25 और 27 जनवरी को परीक्षण शिविर लगाये गए.
चौधरी ने बताया कि इन शिविरों में 566 लोगों की जांच की गयी, जिनमें से 33 लोग एचआईवी संक्रमित पाये गए. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पता लगा कि झोलाछाप डाक्टर राजेन्द्र कुमार ने सस्ते इलाज के नाम पर एक ही सिरींज से कई मरीजों को इंजेक्शन लगाए.
एचआईवी के इतने अधिक मामले होने की वजह यही थी. बांगरमऊ थाने में राजेन्द्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, चौधरी ने बताया कि संक्रमित लोगों का कानपुर के एंटी रेट्रोवाइरल थेरेपी :एआरटी: सेंटर में इलाज चल रहा है.