
उन्नाव गैंगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. पीड़िता की तरफ से बीजेपी विधायक को उन्नाव जेल से शिफ्ट करने के लिए हाई कोर्ट में भी अपील दायर की थी. कुलदीप सिंह सेंगर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीतापुर जेल ले जाया गया है.
पीड़िता ने हाईकोर्ट में अपील की थी कि आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से उसकी और उसके परिवार को खतरा है. वह उन्नाव में रहकर इस केस को भी प्रभावित कर सकता है. ऐसे में उसे उन्नाव जेल से यूपी के बाहर शिफ्ट किया जाए. आरोप है कि कुछ जेल अधिकारी भी कुलदीप सिंह सेंगर के रिश्तेदार हैं.
इस केस की जांच कर रही सीबीआई ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसकी सहयोगी शशि सिंह की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद उन्नाव जेल भेज दिया था. पीड़िता के पिता की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में कुलदीप के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित 5 आरोपी पहले से ही जेल में हैं.
पुलिस ने बताया कि सभी आरोपियों को उन्नाव जेल में अलग-अलग बैरक में रखा गया है. जेल प्रशासन ने इन आरोपियों की सुरक्षा के लिए अलग से इंतजाम किए हैं. इसके साथ ही उनसे मिलने वालों को आईडी देखकर ही एंट्री दी जा रही है. पूरी बैरक और आस-पास के इलाके को सीसीटीवी की निगरानी में रखा गया है.
विधायक पर गैंगरेप-हत्या का आरोप
गैंगरेप पीड़िता का आरोप है कि उसके साथ 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर और उनके साथियों ने गैंगरेप था. उसने बीजेपी विधायक से रेप का विरोध किया, तो उसने परिवार वालों को मारने की धमकी दी. जब वो थाने में गई तो एफआईआर नहीं लिखी गई. इसके बाद तहरीर बदल दी गई. वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई.
पिता को बर्बरता से पीटने का आरोप
पीड़िता ने कहा, 'मुख्यमंत्री से आरोपी विधायक की शिकायत की थी. उन्होंने इंसाफ का भरोसा दिलाया था, लेकिन एक साल हो गया. अब तक कुछ नहीं हुआ. दिल्ली से उसके पिता गांव आए, तो विधायक के लोगों ने उनको बहुत मारा. उनको घसीटकर ले गए. पीटने के बाद उन्हें अपने घर के बाहर फेंक दिया. इसके बाद उन्हें जेल में बंद कर दिया गया, जहां उनकी मौत हो गई है.'
पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां
पीड़िता के पिता को पुलिस हिरासत में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां हुई थीं. इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान अगले दिन ही उसकी मौत हो गई. मृतक की उम्र करीब 50 वर्ष थी. मृतक के परिजन ने बीजेपी विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है.