Advertisement

उन्नाव केस: रेप के दोषी BJP विधायक सेंगर की सजा पर फैसला टला, 20 दिसंबर को सुनवाई

उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत 16 दिसंबर को दोषी ठहराया. जबकि सजा पर बहस के लिए मंगलवार (17 दिसंबर) का दिन तय किया गया, जिसके बाद इस मसले पर बहस हुई. अब सजा पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी.

विधायक कुलदीप सेंगर की फाइल फोटो (ANI) विधायक कुलदीप सेंगर की फाइल फोटो (ANI)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:45 PM IST

  • POCSO के तहत दोषी ठहराया गया है सेंगर
  • 120बी, 363, 366, 376 में भी सेंगर दोषी करार

उन्नाव रेप केस के दोषी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर की सजा पर फैसला टल गया है. कोर्ट अब इस मसले पर 20 दिसंबर को दोबारा सुनवाई करेगा. सेंगर को अपहरण और रेप का दोषी पाया गया है. सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से अधिकतम सजा की मांग की है, जबकि बचाव पक्ष ने सेंगर के सामाजिक जीवन का हवाला देते हुए कम से कम सजा की मांग रखी है.

Advertisement

उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत 16 दिसंबर को दोषी ठहराया. जबकि सजा पर बहस के लिए मंगलवार (17 दिसंबर) का दिन तय किया गया, जिसके बाद इस मसले पर बहस हुई. कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई से पहले कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी आय और संपत्ति का पूरा ब्योरा देना होगा. कोर्ट ने यह भी कहा कि वह इस मामले में जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं करना चाहता है.

मुआवजे पर हुई बहस

सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि पीड़िता को मुआवजा कितना दिया जाए ये कुलदीप सेंगर की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर तय किया जाना चाहिए. सीबीआई ने कहा अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 25 लाख रुपया दिया जा चुका है. वहीं, पीडिता के वकील ने कहा कि मुआवजा देते वक्त इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इस रेप के बाद पीड़िता के पिता की मौत हो चुकी है, सड़क दुर्घटना में वो पिता के बाद परिवार के दो अन्य लोगों को खो चुकी है. इसके अलावा पीड़िता को अपनी जान बचाने के लिए उन्नाव भी छोड़ना पड़ा है और वह दिल्ली में वो किराए के मकान में रह रही है. पीड़िता के पास अपना घर नहीं है.

Advertisement

इस पर सेंगर के वकील ने बचाव में कहा कि सेंगर की दो बेटियां है जोकि शादी के लायक हैं. इसलिए अगर पीड़िता को मुआवजा दिया जाए तो वो सेंगर की तरफ से न दिया जाए.

सेंगर के वकील ने दी ये दलील

कुलदीप सेंगर के वकील ने सजा पर बहस के दौरान दलील देते हुए कहा कि जनता ने उन्हें 4 बार एमएलए चुना है. ग्रामीण इलाके में उन्होंने लोगों के काफी काम किए हैं, गंगा नदी पर उन्होंने पुल बनवाया, स्कूल खुलवाए, अपने इलाके में ITI बनवाई. दुर्भाग्य से इस एक केस को छोड़कर उनका पूरा राजनीतिक करियर और पब्लिक लाइफ शानदान रही है, इसलिए कुलदीप सेंगर को कम से कम सजा दी जाए. साथ ही ये भी कहा गया कि सेंगर की दो बेटियां है, जिनकी शादी होनी है इसलिए मुआवजा सेंगर की तरफ से न दिलाया जाए.

इन धाराओं में हुई है सजा

बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर को 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया गया है. बता दें कि इस केस के सामने आने के काफी वक्त बाद बीजेपी ने सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.

Advertisement

सेंगर के खिलाफ अपराध सिद्ध हो जाने पर दोषी को न्यूनतम 7 साल और अधिकतम 10 साल की कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान है. कई दुर्लभ मामलों में दोषी को उम्रकैद की सजा भी जा सकती है. इसके अलावा आर्थिक जुर्माना लगाया जा सकता है.

पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है. यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है.

वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है. जिसका कड़ाई से पालन किया जाना भी सुनिश्चित किया गया है. कुलदीप सेंगर जिस लड़की से बलात्कार का दोषी करार दिया गया है, वह लड़की घटना के वक्त नाबालिग थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement