
उत्तर प्रदेश का बलिया जिला बद से बदतर होते बाढ़ के हालात को झेल रहा है. लेकिन नेताओं की संवेदनहीनता यहां भी भारी पड़ रही है. नारद राय बलिया के विधायक हैं और अखिलेश सरकार में मंत्री भी. लेकिन बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय उन्होंने उनका मजाक उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मंत्रीजी ने कहा कि आपदा की घड़ी में वे पीड़ितों के साथ हैं, लेकिन वो 'गंगा के आने का स्वागत करते हैं.'
मंगलवार को मंत्रीजी अपने क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों की हालत का जायजा लेने पहुंचे थे. लेकिन उनके बयान ने दर्द पर मरहम की बजाय नमक छिड़कने का काम किया. यूपी सरकार में साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर नारद राय ने कहा, 'मैं खुद बाढ़ पीड़ित हूं और आपदा की इस घड़ी में आपके साथ हूं. लेकिन गंगा के आने का स्वागत करता हूं.'
मंत्री ने व्यापारियों से की चंदे की अपील
बता दें कि कुछ ऐसी ही बात आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने भी बाढ़ पीड़ितों से कही थी. इसके बाद लालू यादव सियासी सूरमाओं के निशाने पर थे. बलिया में बात इस बयान तक ही नहीं रुकी. मंत्री नारद राय ने सरकार के इंतजाम के अलावा धनवानों से भी लोगों की मदद के लिए झोली खोलने की अपील की. यह निश्चय ही हास्यासपद है कि सरकार का मंत्री सरकारी सहायता की बजाय धनवानों और व्यापारियों से चंदा देने और बाढ़ पीड़ितों के लिए झोली खोलने की अपील कर रहा हो.
इलाके के पुलिस थानों में भी घुसा पानी
उत्तर प्रदेश के बलिया में भी गंगा घाघरा का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. 58 गांवो में फंसे 68 हजार भूखे-प्यासे लोग मदद ले लिए प्रशासन की तरफ उम्मीद लगाये बैठे हैं. जबकि वे गंगा का पानी पी-पीकर ही जान बचाने पर मजबूर हैं. बाढ़ के कहर से सिर्फ आम लोग ही नहीं, बल्कि पीड़ितों की सुरक्षा में लगाए गए पुलिस वालों के थाने भी सुरक्षित नहीं हैं. इलाके के कई थानों में पानी भर गया है, जिसे खाली करवाया जा रहा है.
-इनपुट अनिल अकेला