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गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव की काउंटिंग आज, BJP के मुकाबले सपा-बसपा की साख दांव पर

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के लिये मतदान बीते 11 मार्च को हुआ था. इस दौरान क्रमशः 47.75 प्रतिशत और 37.39 फीसद वोट पड़े थे. गोरखपुर सीट के लिये 10 और फूलपुर सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में हैं.

यूपी उपचुनाव में मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच है. यूपी उपचुनाव में मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच है.
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 14 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:30 AM IST

उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के नतीजे आज घोषित किए जाएंगे. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक मतगणना का काम सुबह आठ बजे शुरू होगा और 10 बजे तक शुरुआती रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे. मतगणना के लिये सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.

इसके साथ ही बिहार की एक लोकसभा सीट और दो विधानसभा के लिए हुए मतदान की भी मतगणना होगी.

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गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के लिये मतदान बीते 11 मार्च को हुआ था. इस दौरान क्रमशः 47.75 प्रतिशत और 37.39 फीसद वोट पड़े थे. गोरखपुर सीट के लिये 10 और फूलपुर सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में हैं.

गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के और फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद त्यागपत्र देने के कारण खाली हुई थी. यूपी के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री ने इन सीटों पर जमकर प्रचार किया था. इस वजह से इन दोनों नेताओं की साख दांव पर लगी हुई है.

उत्तर प्रदेश-बिहार उपचुनाव में औसत मतदान

उत्तर प्रदेश और बिहार में हुए लोकसभा उपचुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहा. इन सीटों पर हुए मतदान को आगामी आम चुनावों से पहले बीजेपी के लिए एक इम्तिहान माना जा रहा है.

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उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि गोरखपुर में 43 फीसदी मतदाताओं ने जबकि फूलपुर में 37.39 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया.

दूसरी ओर बिहार के अररिया लोकसभा के लिए हुए उपचुनाव में 57 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

भभुआ और जहानाबाद सीट के लिए हुआ मतदान

बिहार के भभुआ और जहानाबाद विधानसभा सीटों के लिए कराये गए उपचुनाव में क्रमश: 54.03 फीसदी और 50.06 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

'2019 के लोकसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास'

योगी ने इस उपचुनाव को 2019 के लोकसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास करार दिया था. इस चुनाव में बीजेपी, सपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष है.

भगवा पार्टी ने फूलपुर से कौशलेंद्र सिंह पटेल और गोरखपुर से उपेंद्र दत्त शुक्ल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि इन दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी के क्रमश: परवीन निषाद और नागेंद्र प्रताप सिंह मैदान में है. कांग्रेस ने इन दोनों सीटों पर बीजेपी और सपा उम्मीदवारों के सामने क्रमश: मनीष मिश्र और सुरीथा करीम को खड़ा किया है.

बिहार में नीतीश की प्रतिष्ठा, तेजस्वी की साख दांव पर

बिहार में सत्तारूढ बीजेपी-जदयू गठबंधन तथा विपक्षी राजद-कांग्रेस गठबंधन अररिया लोकसभा सीटों पर और दो विधानसभा क्षेत्र में आमने सामने हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पिछले साल महागठबंधन तोड़ कर बीजेपी की अगुवाई वाली राजग में शामिल होने के बाद प्रदेश में पहली बार मतदान हुए हैं.

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अररिया में मुकाबला बीजेपी और आरजेडी के बीच

अररिया से राजद सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद यह इस सीट पर उप चुनाव कराया गया है. इस सीट पर यहां लड़ाई मुख्य रूप से राजद और बीजेपी के बीच है. राजद ने तस्लीमुद्दीन के बेटे सरफराज आलम को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने प्रदीप सिंह को खड़ा किया है. प्रदीप यहां से 2009 में चुनाव जीत चुके हैं जबकि 2014 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

दूसरी ओर जहानाबाद और भभुआ के मौजूदा विधायकों के निधन के बाद यहां मतदान कराया गया है. जहानाबाद सीट पर राजद का कब्जा था और यहां से दिवंगत विधायक मुंद्रिका यादव के बेटे कृष्ण मोहन राजद के टिकट पर मैदान में हैं जबकि भभुआ से बीजेपी ने दिवंगत विधायक आनंद भूषण पांडे की पत्नी रिंकी रानी को मैदान में उतारा है.

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