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शाह बोले- सरकार ने लिया ऐतिहासिक फैसला, किसान के लिए आई दीवाली

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह वाराणसी पहुंचने से पहले मिर्जापुर के विंध्याचल में मां विंधयवासिनी का दर्शन करेंगे. इसके बाद वे दोपहर 12 बजे काशी, गोरखपुर और अवध क्षेत्र के विस्तारकों के साथ मिर्जापुर में बैठक करेंगे.

मिर्जापुर में अमित शाह और योगी आदित्यनाथ (फोटो क्रेडिट- नीरज कुमार) मिर्जापुर में अमित शाह और योगी आदित्यनाथ (फोटो क्रेडिट- नीरज कुमार)
कुमार अभिषेक
  • मिर्जापुर\वाराणसी,
  • 04 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल, सत्तारूढ़ भाजपा के लिए विशेष महत्व रखता है. इसी सिलसिले में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को वाराणसी और मिर्जापुर के दौरे पर हैं. यहां उन्होंने कहा कि PM की नेतृत्व में आज MSP पर बड़ा फैसला लिया गया है, यह क्रांतिकारी कदम है. उन्होंने कहा कि आज का दिन किसान दीपावाली की तरह मनाएगा क्योंकि 70 सालों की यह मांग पूरा किया गया है.

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उन्होंने कहा कि किसी सरकार ने लागत मूल्य से डेढ़ गुणा बढ़ाकर समर्थन मूल्य देने की कोशिश किसी ने नहीं की, देश के किसानों को बचाने के लिए आने वाले दिनों मे और बड़ा फैसला होने वाला है.

मिर्जापुर के बाद शाह देर शाम पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचेंगे. वे यहां शाम 6 बजे बड़ा लालपुर स्थित ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में लगभग 2000 सोशल मीडिया टीम के साथ बैठक करेंगे. सोशल मीडिया के माध्यम से बीजेपी ऐसे लोगों को जोड़ने में जुटी हुई है जो पार्टी की विचारधारा को मानते हैं.

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के प्रचार-प्रसार और पार्टी की विचारधारा को फैलाने में फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप काफी कारगर हथियार साबित हो सकते हैं. ऐसे में शाह बैठक में फेसबुक, ट्विटर  व अन्य सोशल साइट्स पर किस तरीके से तथ्यों के साथ जवाब देना है इसको लेकर के विचार-विमर्श करेंगे.

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अमित शाह रात्रि विश्राम के लिए वाराणसी के अस्सी इलाके के अमेठी कोठी में रात्रि भोज के साथ शहर के पार्टी पदाधिकारियों के साथ पीएम मोदी के आगामी दौरे को लेकर बातचीत भी करेंगे.

इसके बाद गुरुवार को सुबह बाबतपुर लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट से ताज नगरी आगरा के लिए रवाना हो जाएंगे.

बता दें कि इस दौरे में शाह पूर्वांचल के मतदाताओं की मनोभावना समझकर उसके मुताबिक पार्टी को रणनीति तैयार करने की सलाह देंगे. 2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल में बसपा ने सीट भले ही नहीं जीती थी, लेकिन उसके प्रत्याशियों को सपा से भी ज्यादा वोट मिले थे. ऐसे में गठबंधन के बाद हालात बहुत अनुकूल नहीं हैं. मुलायम सिंह यादव द्वारा आजमगढ़ सीट छोड़ने के बाद बीजेपी ने यहां अपनी नजर गड़ा दी है.

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