
यूपी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दो कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी कर दी है. भ्रष्टाचार के आरोपों के मद्देनजर खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और पंचायती राज मंत्री राजकिशोर सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है. मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को पत्र लिखकर उन्हें बर्खास्त किए जाने की अपील की है.
सीएम का यह फैसला ऐसे समय आया है, जब विपक्ष सरकार पर खनन माफिया को खुला संरक्षण देने का आरोप लगाती रही है. राजकिशोर सिंह पर जमीन हड़पने का आरोप है, जबकि गायत्री पर भ्रष्टाचार से जुड़े कई आरोप लगे हैं. बीजेपी ने पिछले दिनों तिरंगा यात्रा के दौरान हरैया से विधायक राजकिशोर सिंह पर आरोप लगाया कि बाढ़, राशन, निर्माण कार्य और मुआवजे के नाम पर मंत्री ने खूब भ्रष्टाचार किया है.
छवि सुधारने की कवायद
सपा सरकार का यह कदम छवि को बेहतर बनाने की कोशिश के तहत देखा जा रहा है. खास बात यह है कि गायत्री प्रजापति को सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का करीबी भी माना जाता है. ऐसे में बहुत संभव है कि पिछले कुछ समय से समाजवादी पार्टी के अंदर की कलह एक बार फिर उभर कर सामने आए.
प्रजापति अमेठी से विधायक हैं. उन्होंने संजय सिंह की पत्नी अमिता मोदी को हराकर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. 20 जुलाई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यूपी में अवैध खनन को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए. उसके बाद से ही गायत्री प्रजापति को लेकर सीएम कार्यालय में सुगबुगाहट बढ़ गई थी.
बीपीएल कार्डधारी से बने करोड़पति
गायत्री प्रजापति पर अवैध खनन को संरक्षण देने के आरोप हैं. जबकि इससे पहले वह बीपीएल कार्ड को लेकर भी विवादों में रह चुके हैं. अमेठी के परसांवा गांव में 2002 में गायत्री प्रसाद प्रजापति को बीपीएल कार्ड जारी हुआ. इसके बाद 2012 में जब वह विधायक बने तो उन्हें गरीबी रेखा से ऊपर वाला एपीएल कार्ड मिला. 2012 में सपा के टिकट पर अमेठी से विधायकी का चुनाव लड़ने वाले गायत्री ने तब 1.81 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी. मुलायम सिंह के बेटे प्रतीक से नजदीकियों के कारण उनका यादव परिवार में रुतबा बढ़ा और फिर 2013 में मुलायम सिंह यादव के कहने पर अखिलेश यादव ने उन्हें खनन मंत्री बना दिया.
942 करोड़ रुपये की संपत्ति
सोशल एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर की ओर से लोकायुक्त के यहां दाखिल शिकायत के मुताबिक, मंत्री बनने के दो साल के भीतर ही गायत्री प्रजापति की संपत्ति 942.5 करोड़ रुपये हो गई. हालांकि खुद के बचाव के मंत्री ने करीबियों के नाम पर संपत्तियां खरीदीं. गायत्री प्रजापति के पास मौजूदा समय में बीएमडब्ल्यू से लेकर तमाम लग्जरी गाड़ियां हैं.