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राजधानी लखनऊ में इस बार 14 फरवरी का दिन कुछ खास था. प्रेम के त्योहार यानी वैलेंटाइन डे की सुबह से 'हॉट एयर बैलून' लोगों को नवाबी शहर की आसमानी सैर करा रहे थे. शाम को करीब पांच बजे गोमतीनगर में मौजूद देश के सबसे बड़े जनेश्वर मिश्र पार्क में पॉप गायिका शिल्पा राव के सुरों का जादू युवाओं के सिर चढ़कर बोल रहा था. 'सजदे में यूं ही झुकता हूं... ', 'मौला मेरे मौला..' जैसे गानों से शिल्पा राव ने पूरे माहौल में रूमानियत घोल दी थी. इसी बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का काफिला कार्यक्रम स्थल पर पहुंचा. मंच के बगल में लगी लखनऊ के दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद अखिलेश यादव सुरक्षा घेरा छोड़कर अपने बच्चों के साथ हॉट एयर बैलून पर सवार हो गए और ऊपर जाकर हाथ हिलाकर युवाओं का अभिवादन किया.
यह पहली बार था जब यूपी सरकार ने वैलेंटाइन डे के दिन धूमधाम से राज्य का पहला पर्यटन दिवस मनाया. लखनऊ की सड़कों पर पुरानी कारें इतराती हुई दौड़ीं. सूबे में पर्यटन निगम के सभी होटलों ने ग्राहकों को छूट दी. पिछले साल वैलेंटाइन डे पर आगरा में अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ ताज महल पहुंचे अखिलेश ने प्रेम के इस त्योहार को 'ताज डे' के रूप में मानने की बात कही थी.
यूपी सरकार ने वैलेंटाइन डे को जिस धूमधाम से यूपी पर्यटन दिवस के रूप में मनाया, उसने युवाओं से जुड़ने की अखिलेश यादव की मंशा को स्पष्ट कर दिया. 2017 के विधानसभा चुनाव में 5 करोड़ से ज्यादा युवा मतदाता शिरकत करने वाले हैं. इसलिए युवाओं के बीच युवा मुख्यमंत्री की अपनी छवि को निखारने के लिए अखिलेश सरकार ने पर्यटन का सहारा लिया है.
बढ़ती संख्या से मिला हौसला
2013 में इलाहाबाद में महाकुंभ के आयोजन में रिकॉर्ड पौने आठ करोड़ पर्यटकों की मेजबानी करने के बाद पर्यटन राज्य सरकार की प्राथमिकता पर आ गया था. इस वर्ष यूपी आने वाले पर्यटकों की संख्या में 35 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ था. हालांकि इसके अगले वर्ष 19 फीसदी की गिरावट भी दर्ज हुई, लेकिन देशी पर्यटकों की संख्या के लिहाज से यूपी देश में आंध्र प्रदेश के बाद दूसरे नंबर पर आ गया.
इसी साल यूपी आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या ने राज्य को गोवा से आगे तीसरे नंबर पर ला खड़ा किया. पर्यटन विभाग में उपनिदेशक अविनाश मिश्र कहते हैं, ''महाकुंभ का सफलतापूर्वक आयोजन यूपी में पर्यटन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ. अगर दिल्ली और मुंबई जैसे देश के 'एंट्री पॉइंट्स' को छोड़ दिया जाए तो विदेशी पर्यटकों के लिहाज से यूपी देश का पहला राज्य बन चुका है.''
लखनऊ पर खास ध्यान
आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान के निदेशक डॉ. लवकुश मिश्र बताते हैं कि विदेशी पर्यटकों के लिहाज से दिल्ली, आगरा और जयपुर का त्रिभुज मुफीद बैठता है. यूपी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन के नक्शे पर चमकाने के लिए ऐसा ही कोई सिस्टम विकसित करना पड़ेगा. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने 'हेरिटेज आर्क' योजना पर काम शुरू किया है.
पर्यटन सचिव सर्वज्ञ राम मिश्र कहते हैं, ''आगरा, लखनऊ और वाराणसी मिलकर एक 'आर्क' बनाते हैं. आगरा और वाराणसी में सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं. विभाग की कोशिश यह है कि आगरा आने वाला पर्यटक लखनऊ, वाराणसी जरूर जाए और इसी तरह वाराणसी आने वाला पर्यटक लखनऊ, आगरा भी आए.''
लखनऊ को हेरिटेज आर्क के एक जंक्शन के तौर पर विकसित करने के लिए सरकार ने पर्यटन कार्यक्रमों की झड़ी लगा दी है. इसी कड़ी में लखनऊ में राज्य का पहला पर्यटन दिवस मनाया गया. संस्कृति विभाग कोणार्क और खुजराहो की तर्ज पर लखनऊ की छ्यार मंजिल में नृत्य महोत्सव करने की तैयारी कर रहा है. 12 फरवरी को बजट पेश करते वक्त अखिलेश यादव ने वाराणसी में पर्यटन बढ़ाने की संभावनाओं का खास ध्यान रखा. सरकार ने गंगा नदी के किनारे पर्यटन सुविधाओं से युक्त अत्याधुनिक घाट बनाने की घोषणा की. इसके अलावा वाराणसी के बीचोबीच बहने वाली वरुणा नदी के किनारों को संवारने और नौका विहार शुरू करने की राज्य सरकार की योजना भी आगे बढ़ी है.
'नेचर आर्क' की ब्रांडिंग
यूपी की जैव विविधताओं से पर्यटकों को रू-ब-रू कराने के लिए सरकार 'नेचर आर्क' योजना की शुरुआत करने आ रही है. इसमें नोएडा की ओखला बर्ड सैंक्चुअरी, हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी, सुर सरोवर बर्ड सैंक्चुअरी आगरा, इटावा लायन सफारी, लाख बहोसी पक्षी विहार कन्नौज, कतर्नियाघाट वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी बहराइच, दुधवा नेशनल पार्क और पीलीभीत टाइगर रिजर्व को शामिल किया गया है. वन विभाग यूपी के सभी पक्षी विहारों को नया रूप देने की योजना पर काम कर रहा है.
पर्यटन दिवस के मौके पर आयोजित स्लोगन राइटिंग प्रतियोगिता में लखनऊ निवासी मोनिका चौहान की लाइनें खासी प्रासंगिक थीं—''ऊंचे हैं अरमान, हवाओं में है पैर. नवाबों के शहर में आसमान की सैर.'' पर्यटन को महत्व देना अच्छी बात है, लेकिन हॉट एयर बैलून में आसमान की सैर करवाने वाले अखिलेश यादव को अपने पांव तो जमीन पर ही रखने होंगे. आखिर युवाओं की असल जरूरतों को पूरा करने का रास्ता अभी काफी लंबा है.