
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए महाराजगंज के 11 अफसरों को सस्पेंड कर दिया. इनमें SDM, SO समेत कई डॉक्टर व इंजीनियर शामिल हैं. महाराजगंज के दौरे पर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ फुल एक्शन में दिखे. अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ ने जिले की समीक्षा बैठक में 11 अफसरों को निलंबित कर दिया, वहीं सात अफसरों का तबादला कर दिया. योगी ने सख्त कार्रवाई करते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
निलंबित किए गए अफसर
1. एसओ पुरंदपुर विनोद कुमार राय
2. एसओ फरेंदा चंद्रेश यादव
3. एसडीएम गिरीश चंद्र श्रीवास्तव
4. एसडीएम नौतनवा
5. बीडीओ संजय श्रीवास्तव
6. एएओ बेसिक रवि सिंह
7. जिला कृषि अधिकारी मोहम्मद मुजम्मिल
8. एक्सईएन पीडब्ल्यूडी बीएन ओझा
9. डॉक्टर अरशद कमाल
10. डॉ. वाजपेयी
11. डॉक्टर ठाकुर शैलेश कुमार सिंह
इन अफसरों का हुआ तबादला
1. डीसीएनआरएनएम अशोक कुमार मौर्या
2. प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी गायत्री देवी
3. एएमएएसओ ज्ञानेंद्र कुमार सिंह
4. डीएसओ अतिमत तिवारी
5. एसओ पनियारा सुधीर कुमार सिंह
6. एसओ श्याम देवरवा श्रीकांत राय
7. एसओ कोठीभार रमाकांत यादव
सुधार ना होने पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक के बाद जिले के घुघली थाना क्षेत्र के चैनपुर गांव में दलित बस्ती में एक सहभोज में शामिल हुए. यहां पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. शासन की मंशा स्पष्ट है कि अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा. जन समस्याओं के समाधान में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अभी भी अधिकारी अगर नहीं सुधरेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पूर्व सीएम अखिलेश को दिया जवाब
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दिए गए बयान पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी पार्टी को नहीं संभाल पाया. वह भारतीय जनता पार्टी के बारे में क्या बात करेगा. योगी ने कहा कि चार महीने का वक्त देने के बावजूद जो लोग नहीं सुधरे, जो अपराध और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए, जो अपराधियों को संरक्षण दे रहे थे, उनके खिलाफ कार्रवाई हुई है.