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पूर्वांचल में सपा और बीजेपी की ये रणनीति बसपा के लिए हो सकती है हानिकारक

सपा-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी की इन रणनीतियों की वजह से बीसपी को पूर्वांचल में नुकसान हो सकता है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती बीएसपी सुप्रीमो मायावती
विकास कुमार
  • ,
  • 27 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST

यूपी का चुनाव अपने आखरी दौर में है. सातवें और अंतिम चरण में 8 मार्च को 40 सीटों पर वोट होना है. ये इलाके पूर्वांचल के हैं.

हर पार्टी इस इलाके में अपना कब्जा चाहती है. पिछले विधानसभा चुनाव में नंबर वन रही सपा इस बार कंग्रेस के साथ चुनाव मैदन में है. 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा पूर्वांचल में दूसरे पायदान पर थी. भाजपा तीसरे और कांग्रेस चौथे पायदान पर थी. सभी पार्टियां अपने पिछले प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन इस बार करना चह रही है. इसी वजह से इस बार पूर्वांचल की लड़ाई ज्यादा दिलचस्प हो गई है.

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यहां हम सपा-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी के उन रणनीतियों की बात कर रहे हैं जिसके सहारे ये पार्टियां बसपा को पूर्वांचल में तगड़ा झटका देना चाह रही हैं.

सपा-कांग्रेस: मुस्लिम मतदातों में बसपा को लेकर डर पैदा करना.
अखिलेश यादव अपनी सभाओं में मुस्लिम मतदातों को यह बताना नहीं भूलते कि मायावती जरूरत पड़ने पर बीजेपी के साथ हाथ मिला सकती है. अखिलेश जानते हैं कि इस बार मुस्लमानों का एक बड़ा तबका बीएसपी की तरफ जा सकता है और वो इसे भरसक रोकना चाहते हैं.

देवरिया की चुनावी सभा में अखिलेश यादव ने कहा कि बुआ कभी भी बीजेपी के साथ रक्षाबंधन कर सकती हैं. अपने संबोधन में अखिलेश ने कहा, ’बुआ से सावधान रहने की जरुरत है, बुआ के खिलाफ आवाज उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की. अखिलेश ने कहा कि हमारी बुआ कभी भी बीजेपी के साथ रक्षाबंधन बना सकती हैं.'

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बीजीपी: मुख्तार अंसारी के सहारे, हिंदू मतो को बंटने से रोकना.
बीजेपी को मालूम है कि उनके खाते में मुस्लिम वोटों का बहुत ही छोटा हिस्सा आने वाला है और इसी वजह से बीजेपी क्षेत्र में ऐसे मुद्दें उठाना चहती है जिससे हिंदू वोटों में होने वाले बिखराव को रोका जा सके.

बीजेपी बसपा और सपा दोनों को एक खास समुदाय का हितैशी बता रही है. दूसरी तरफ बीजेपी बाहुबली और हाल ही में बसपा में शामिल हुए मुख्तार अंसारी के सहारे भी बसपा पर चोट कर रही है. बीजेपी मायावती पर अपराधियों से साठगांठ करने का आरोप लगा रही है.

बीजेपी की मुख्य रणनीति यही है कि पूर्वांचल के हिंदू खासकर निचली जाति के मतदातों को यह संदेश देना कि मायावती किसी की सगी नहीं है और जब मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी मायावती के साथ हैं तो वो राज्य में कानून व्यवस्था कतई बहाल नहीं कर पाएंगी.

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