
सियासी गलियारों में एक कहावत मशहूर है कि दिल्ली के सिंहासन का रास्ता उत्तर प्रदेश और बिहार से होकर जाता है. बिहार में चुनाव हुए तो सालभर बीतने को हैं लेकिन अब जल्द ही यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं. आज की तारीख में यदि चुनावों की बात हो तो बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए इसकी कल्पना बेमानी है.
यूपी को फतह करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीति बना ली है...और अपना ब्रह्मास्त्र चला भी दिया है. यह कोई और नहीं बल्कि NaMo ही हैं. मेरा देश बदल रहा है...जैसे लोकलुभावन नारों के साथ केंद्र में सत्तासीन पीएम मोदी ने यूपी में ताबड़तोड़ परिवर्तन रैलियां कर विरोधियों को पटखनी देने की ठानी है. लोकसभा चुनावों से लेकर अब तक जितनी भी पीएम मोदी की रैलियां हुई हैं, इनकी जिम्मेदारी यूपी बीजेपी के महासचिव स्वतंत्र देव सिंह के कंधों पर ही होती है. 27 को कुशीनगर में पीएम की परिवर्तन रैली प्रस्तावित है. हाल में गाजीपुर और आगरा में पीएम की सफल रैलियां करा चुके सिंह से जानते हैं कि आखिर वो कैसे करते हैं इसकी तैयारी और रखते हैं किन किन बातों का ध्यान....
1. रैली के लिए किसी भी हालत में कम से कम डेढ़ लाख की क्षमता वाले मैदान की तलाश होती है. इससे ऊपर हो जाए तो क्या कहने.
2. जिस जगह रैली होती है उसके आसपास सफाई अभियान हफ्तों पहले शुरु हो जाता है. आसपास के एरिया की पूरी सफाई की जाती है और चौराहों आदि में जहां महापुरुषों की मूर्ति आदि लगी रहती है, उन्हें साफकर उन पर मालाएं चढ़ाई जाती हैं.
3. 150 से अधिक वालंटियर रैली में आए लोगों के लिए पानी आदि का प्रबंध करते हैं.
4. मंडल, जिला, बूथ स्तर पर बैठकें आयोजित कराई जाती हैं ताकि अधिक से अधिक संख्या में पीएम की रैली में लोग शरीक हो सकें.
5. कार्यकर्ताओं का एक मोटरसाइकिल जुलूस भी उस क्षेत्र में निकाला जाता है जहां रैली होने वाली है. इसका आशय साफ है कि लोगों को यह पता चल सके कि उनके प्रिय पीएम जल्द उनसे मिलने आने वाले हैं.
6. यही नहीं, निमंत्रण पत्र भी छपवाए जाते हैं. और एक से दो सप्ताह पहले ही उन्हें लोगों को बांट दिया जाता है.
7. पीएम कहीं जाएं तो सिक्योरिटी का पूछना ही क्या. लेकिन हाईप्रोफाइल स्क्वॉयड से अलग हर रैली स्थल में बीजेपी के करीब 300 वालंटियर भी मोर्चा संभाले रहते हैं.
8. बैरिकेड मजबूत बनाना. इन्हें किसी और पर भरोसा नहीं रहता. दुनिया इधर की उधर हो जाए लेकिन इनके वालंटियर चारों तरफ से मैदान को घेरे रहते हैं.
..... और आखिर में जब उनसे पूछा गया कि पीएम मोदी की रैली में तकरीबन कितना खर्च आता है तो वो ज्यादा नहीं कहकर सवाल टाल गए.