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बीजेपी के इस 'चाणक्य' के सामने फेल हुआ 'पीके' का जादू!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात से बाहर निकल दिल्ली की राजनीति में कदम रख रहे थे, तो उत्तर प्रदेश के लिए उन्होंने अमित शाह को जिम्मेदारी सौंपी थी. उसी समय अमित शाह ने राजस्थान में एबीवीपी के सदस्य सुनील बंसल को अमित शाह केंद्रीय राजनीति में लाये और अहम जिम्मेदारी दी.

बीजेपी का नया चाणक्य ! बीजेपी का नया चाणक्य !
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 12 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 12:43 PM IST

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत के लिए भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को श्रेय मिल रहा हो. लेकिन पर्दे के पीछे से बीजेपी के लिए 'चाणक्य' के तौर पर काम करने वाले सुनील बंसल को भी इस जीत का उतना ही श्रेय जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात से बाहर निकल दिल्ली की राजनीति में कदम रख रहे थे, तो उत्तर प्रदेश के लिए उन्होंने अमित शाह को जिम्मेदारी सौंपी थी. उसी समय अमित शाह ने राजस्थान में एबीवीपी के सदस्य सुनील बंसल को अमित शाह केंद्रीय राजनीति में लाये और अहम जिम्मेदारी दी.

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2014 में चली थी शाह और बंसल की जोड़ी
शाह और बंसल की जोड़ी ने 2014 में बीजेपी और सहयोगियों को 80 में से 73 सीटें दिलवाई, जिसके बाद शाह बीजेपी के अध्यक्ष बने तो वहीं सुनील बंसल को बीजेपी का ज्वाइंट सेकेट्ररी बनाया गया. 2014 की तरह इस बार भी बंसल ने लखनऊ से मोर्चा संभाला और यूपी विजय की रणनीति पर काम किया. बंसल ने संघ और बीजेपी कार्यकर्ताओं में समन्वय बनाकर अपनी रणनीति को आगे बढ़ाया.

बूथ को बनाया टारगेट
जिसका असर बीजेपी के टिकट बंटवारे पर भी दिखा, यही कारण है कि बीजेपी को यूपी में हर तबके का साथ मिला और ऐसा बहुमत मिल पाया. बंसल ने अपना पूरा फोकस दलित, ओबीसी, युवाओं और महिलाओं पर रखा, साथ ही बूथ लेवल पर जीत को निश्चित किया.

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पीके को मात
गौरतलब है कि एक ओर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी जहां अपने चाणक्य प्रशांत किशोर के भरोसे यूपी फतह की बात कर रही थी, लेकिन इस बार पीके की रणनीति सफल नहीं हो पाई और सुनील बंसल राजनीति के एक नये चाणक्य के रूप में उभर कर आएं हैं.

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