
उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया मोड़. प्रदेश के वोटरों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को स्पष्ट बहुमत दिया है. राज्य की अगली सरकार बीजेपी की बनेगी. प्रदेश को नया मुख्यमंत्री (सीएम) मिलेगा. नया सीएम कौन बनेगा यह अभी तय नहीं है. बीजेपी ने चुनाव से पहले सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चेहरा सामने रखा था. पार्टी संविधान कहता है कि सीएम का चुनाव जीते हुए विधायक करेंगे. लिहाजा, अभी तय नहीं कि प्रदेश का नया सीएम कौन बनेगा? लेकिन इतना तय है कि यूपी के पास 2014 से ही एक सुपर सीएम है.
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इस सुपर सीएम को उत्तर प्रदेश ने 2014 में लोकसभा के 73 सांसद देकर प्रधानमंत्री (पीएम) बनाया था. यूपी ने गुजरात के सीएम रहे नरेन्द्र मोदी को अपना नेतृत्व करने का मौका दिया. और प्रचंड बहुमत दिया. उत्तर प्रदेश उन राज्यों में से नहीं जहां राज्य का नेतृत्व राज्य के ही किसी नेता के पास हो. मध्यप्रदेश बीजेपी में नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान के पास. राजस्थान में वसुंधरा राजे सिंधिया की सरकार है. लेकिन बीजेपी की राजनीति में उत्तर प्रदेश ने गुजरात से गुजरात मॉडल लिया है.
यूपी के इस सुपर सीएम ने अपने लगभग तीन साल के पीएम कार्यकाल के दौरान लगातार यूपी के विकास का खांका पेश किया है. पीएम मोदी कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश ने उन्हें देश का नेतृत्व करने का मौका दिया है. उनका रिश्ता उत्तर प्रदेश से बहुत पुराना है.
चुनावों में पीएम मोदी यहां तक वादा कर चुके हैं कि वह उत्तर प्रदेश को गुजरात की तरह एक तेज गति से भागने वाली अर्थव्यवस्था बना देंगे. बीते दो दशकों से उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल को आर्थिक तौर पर अंधकार काल कह चुके पीएम वादा कर चुके हैं कि वह प्रदेश को गुजरात बना देंगे.
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ऐसी स्थिति में एक बात साफ है कि इस प्रचंड बहुमत के बाद प्रदेश में किसी को भी सीएम बनाया जाए, उत्तर प्रदेश की जनता पीएम मोदी को ही अपना सुपर सीएम मानती है. सीएम कौन बनता है यह इसलिए मायने नहीं रखता क्योंकि उत्तर प्रदेश ने बीजेपी को सिर्फ 2 साल का मौका दिया है. 2019 में एक बार फिर उसका सुपर सीएम प्रदेश में 60 और महीनों की दरकार लेकर आएगा.
लिहाजा प्रदेश के सुपर सीएम को अब 2019 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को अंधकार काल से बाहर निकालने का वक्त मिला है.