
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगा है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राजभवन में आयोजित शपथ-ग्रहण समारोह के दौरान यह मामला सामने आया.
आरोप है कि राज्यपाल ने राष्ट्रगान की धुन शुरू होने के तुरंत बाद इसे बीच में ही रुकवा दिया, क्योंकि वह सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर समारोह में मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाना चाहते थे.
शपथ के लिए रोका गया राष्ट्रगान
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए आयोजित समारोह में सभी 21 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की. कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा के बाद सभी लोग राष्ट्रगान के सम्मान में उठकर खड़े हो गए. लेकिन जैसे ही राष्ट्रगान की धुन बजनी शुरू हुई, राज्यपाल ने अचानक ही राष्ट्रगान को रोकने का आदेश दे दिया और इसके बाद राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई.
मामले पर राजभवन ने दी सफाई
राजभवन की ओर इस मामले में दी गई सफाई में कहा गया कि किसी गलतफहमी के कारण ऐसा हुआ है. नाइक की राष्ट्रगान के अपमान की कोई मंशा नहीं थी.
बीजेपी ने भी किया बचाव
बीजेपी भी राम नाइक के बचाव में उतर आई है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, 'राज्यपाल की राष्ट्रगान का अपमान करने की कोई मंशा नहीं थी. गलतफहमी के कारण ऐसा हुआ और इसे ज्यादा तूल नहीं दिया जाना चाहिए.'
कांग्रेस ने साधा निशाना
हालांकि, कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर राम नाइक पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता सिराज मेहंदी ने कहा, 'राज्यपाल ने ऐसा कर राष्ट्रगान का अपमान किया है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.' उन्होंने यह भी कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने के लिए राज्यपाल ने ऐसा किया. इसकी जितनी भी निंदा की जाए, कम है.'
इनपुट: IANS