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यूपी सरकार का शगुन किट, नवविवाहित जोड़ों को देगी कॉन्डोम और गर्भनिरोधक गोलियां

राज्य सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में अब नवविवाहित जोड़ों को शगुन दिया जाएगा. पड़ोस की आशा वर्कर्स विवाहित जोड़ों को यह शगुन देंगी. परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए आशा वर्कर्स घर-घर जाकर नवविवाहित जोड़े को किट देंगी, जिसमें कॉन्डोम और गर्भनिरोधक गोलियां मिलेंगी.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • लखनऊ,
  • 06 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

राज्य सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश में अब नवविवाहित जोड़ों को शगुन दिया जाएगा. पड़ोस की आशा वर्कर्स विवाहित जोड़ों को यह शगुन देंगी. परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए आशा वर्कर्स घर-घर जाकर नवविवाहित जोड़े को किट देंगी, जिसमें कॉन्डोम और गर्भनिरोधक गोलियां मिलेंगी.

शगुन के इस किट के साथ स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होगा. इस पत्र में परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होगा. इस पत्र में नवविवाहित जोड़ों को ये बताया जाएगा कि परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण के लिए लोगो को समझाने के साथ 2 बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. बता दें कि विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को इस योजना की शुरुआत की जाएगी.

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मिशन परिवार विकास के प्रॉजेक्ट मैनेजर अवनीश सक्सेना ने कहा, 'इस योजना का उद्देश्य नवविवाहित जोड़ों को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है. नए जोड़ों के लिए 'नई पहल किट' में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कॉन्डोम होंगे.

उन्होंने  बताया कि किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए जरूरी कुछ सामान भी होंगे. उन्होंने कहा, 'किट में एक शीशा और कंघी के साथ कुछ रुमाल और तौलिए, नेल कटर होंगे.

उत्तर प्रदेश के नैशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर आलोक कुमार ने बताया कि आशा वर्कर्स नवविवाहितों को हेल्थ किट देंगी. साथ ही ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते उनको आशा वर्कर्स पूरी जानकारी देंगी.

 

बड़े पैमाने पर करना होगा काम

हालांकि, वर्तमान राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़ों से पता चलता है कि इसके लिए अधिकारियों को बड़े पैमाने पर काम करना होगा ताकि आशाएं नवविवाहित जोड़ों के साथ संवाद कर सकें. एनएफएचएस -4 के मुताबिक सिर्फ 12% स्वास्थ्य कर्मचारी ने भी परिवार नियोजन के बारे में महिला गैर-उपयोगकर्ताओं से बात की. कुमार ने टिप्पणी करने के लिए कहा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अधिकारियों को किटों का ब्यौरा जारी रखना होगा, जबकि सभी आशा कार्यकर्ताओं को जोड़ों से फीडबैक लेकर रिकॉर्ड बनाए रखना होगा.

 

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