
यूपी चुनाव से पहले राम मंदिर की याद बीजेपी को नहीं बल्कि सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को आई है. बीजेपी ने इस पर तंज भी कसा है. चुनाव से पहले यादव को याद आनी चाहिए थी विकास और सुशासन की पर याद आए राम.
सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने एसआईटी की जांच के दायरे में पूछताछ के लिए उठाए गए लोगों को जाति, धर्म के आधार पर बांटने और आलोचना करने वालों पर निशाना साधा. नायडू बोले इससे जांच एजेंसी का मनोबल घटता है. देश में ये सब तब हो रहा है जब पड़ोसी भी देश में नफरत की भावना भड़का रहा है. राजनितिक पार्टियां आरोपियों को जाति या मजहब के आधार पर बांट कर दुश्मन की मंशा कामयाब कर रही हैं. नायडू ने आगे कहा कि चुनाव से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. उनसे अपील है कि अपने शासन के आधार पर वोट मांगें न कि धार्मिक उन्माद बढ़ाकर.
हाल ही में मुलायम सिंह ने कहा था कि कारसेवकों पर गोलियां चलवाने का अफसोस तो है पर देश की एकता बनाए रखने के लिए अगर 30 लोगों की जान भी लेनी होती तो वो पीछे नहीं हटते. हो सकता है मुजफ्फरनगर दंगों में भी अखिलेश सरकार शायद देश की अखंडता बनाए रखना चाहती थी तभी यूपी सरकार खामोश रही.