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उप्र: इंदिरा आवास आवंटन में हेराफेरी

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद में इंदिरा आवास आवंटन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। सफीपुर विकास खंड की एक ग्राम पंचायत में इसका खुलासा हुआ है. शिकायतों के आधार पर जांच के बाद प्रशासन के भी होश उड़े हुए हैं. अधिकारी स्वयं गड़बड़ी की पुष्टि कर रहे हैं.

aajtak.in
  • उन्नाव,
  • 28 जून 2014,
  • अपडेटेड 12:37 PM IST

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जनपद में इंदिरा आवास आवंटन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। सफीपुर विकास खंड की एक ग्राम पंचायत में इसका खुलासा हुआ है. शिकायतों के आधार पर जांच के बाद प्रशासन के भी होश उड़े हुए हैं. अधिकारी स्वयं गड़बड़ी की पुष्टि कर रहे हैं.

ये मामला उस समय चर्चा में आया जब बीते दिनों इंदिरा आवास आंवटन में गड़बड़ी की शिकायत ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से की. इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला विकास अधिकारी राममणि त्रिपाठी ने गांव में स्थलीय जांच करने के लिए पात्रता की जांच की. जिलाधिकारी को सौंपे शिकायती पत्र में ग्राम बजपालपुर के अजीत कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि पति व पत्नी दोनों को इंदिरा आवास दिए गए, जिसमें से एक आवास का धन प्रधान पति ने हड़प लिया. इंदिरा आवास आवंटन में बीपीएल क्रमांक में दूसरों का नाम डालकर आवास दिया गया है.

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शिकायती पत्र में कहा गया है कि वास्तविक बीपीएल क्रमांक 22740 में जगत नारायण चमार मवई लाल के स्थान पर नीरज देवी पत्नी जगत पासी निवासी बृजपालपुर, बीपीएल क्रमांक 22860 में संतू पासी मवई लाल के स्थान पर सरोजनी पत्नी संतू उर्फ संतोष चमार बृजपालपुर, बीपीएल क्रमांक 23012 में साहबलाल लोध बृजपालपुर के स्थान पर कांति पत्नी साहबलाल चमार बृजपालपुर, जालिपा धानुक बृजपालपुर के स्थान पर जालिपा उर्फ जगदीश पुत्र दीना चमार मवईलाल, क्रमांक 22703 शिवनारायण पासी मवईलाल के स्थान पर रोशनी पत्नी शिवनारायण चमार बृजपालपुर, क्रमांक 23067 पर रामप्रसाद पासी के स्थान पर रामप्रसाद पुत्र पुत्तीलाल चमार बृजपालपुर का कूटरचित तरीके से चयन किया गया है। 13 लोगों के घर बने ही नहीं हैं, मगर धन निकाल लिए गए हैं.

डीडीओ ने गांव जाकर लाभार्थियों का मिलान किया तो वह भौंचक रह गए, क्योंकि नाम गलत पाए गए. इंदिरा आवास आवंटन के पूर्व जांच अधिकारियों की जांच की कलई खुलती नजर आई. शिकायतकर्ताओं ने ग्राम विकास आयुक्त, मुख्यमंत्री सहित अन्य को शिकायती पत्र भेजकर पूरे मामले की जांच कराने की मांग उठाई है.

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अजीत कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि सफीपुर के बीडीओ से लेकर जिला स्तर पर इंदिरा आवास के डीलिंग बाबू तक की मिलीभगत रहती है और इसी कारण आवास आवंटन में हेराफेरी होती है.

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