
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिसंबर में नागिरकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इस दौरान उपद्रवियों ने लखनऊ में सरकारी संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया था. अब जिला प्रशासन ने सीएए विरोधी उपद्रवियों की पहचाने के लिए शहर में पोस्टर लगाए हैं.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ भड़की हिंसा में नुकसान की भरपाई के लिए तोड़फोड़ और आगजनी करने वाले 53 आरोपियों के पोस्टर लगाए गए हैं. लखनऊ में 19 दिसंबर को सड़कों पर जमकर आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी.
इस हिंसा में निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों में ट्रांस गोमती के 13, हजरतगंज-24 और पुराने लखनऊ के 16 उपद्रवियों के पोस्टर लगाए गए हैं. हजरतगंज चौराहे समेत शहर के 12 से ज्यादा इलाकों में उपद्रवियों के पोस्ट लगाए गए हैं.
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लखनऊ में जगह-जगह लगाए गए पोस्टर
प्रशासन द्वारा लखनऊ के प्रमुख चौराहों पर 100 होर्डिंग्स लगाई गई हैं. इन होर्डिंग्स में 57 लोगों के नाम और पते उजागर किए गए हैं. जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि अगर तयशुदा वक्त में रिकवरी का पैसा नहीं चुकाया गया, तो कुर्की की कार्रवाई की जाएगी.
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हसनगंज, हजरतगंज, कैसरबाग और ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के 57 लोग अब तक चिन्हित किए जा चुके हैं. इन सब पर हिंसा फैलाने का आरोप है. इन लोगों के खिलाफ 1 करोड़ 55 लाख 62 हज़ार 537 रुपये की रिकवरी का आदेश जारी किया जा चुका है.