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UP: 24 घंटे में आधा दर्जन गायों की मौत, प्रशासन पर अनदेखी का आरोप

हरदोई के एक सरकारी गोशाला में बीते 24 घंटे में आधा दर्जन से अधिक गायों की मौत हो गई. इन गायों की मौत की वजह लगातार हो रही बारिश में भीगने और चारे की कमी बताई जा रही है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • हरदोई ,
  • 30 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

  • सरकारी गोशाला में आधा दर्जन से अधिक गायों की मौत
  • बारिश की वजह से गायों के रखरखाव में हुई लापरवाही
  • नाकामी छुपाने में जुटा प्रशासन, गायों को बता रहा वृद्ध

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गाय से प्रेम किसी से भी छुपा नहीं है. इसके बावजूद आवारा गोवंशों को सरकारी गोशालाओं में रखे जाने में बरती जा रही लापरवाही से उनकी मौत का मामला लगातार सामने आ रहा है. ताजा मामला हरदोई से सामने आया है. जहां एक सरकारी गोशाला में बीते 24 घंटे में आधा दर्जन से अधिक गायों की मौत हो गई. इन गायों की मौत की वजह लगातार हो रही बारिश में भीगने और चारे की कमी बताई जा रही है.

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मामले को रफा-दफा करने में जुटा प्रशासन

एक ही गोशाला में कई गायों की मौत के बाद पूरा प्रशासन मामले को रफा-दफा करने में जुटा है. सरकारी गोशालाओं में गायों की मौत के बाद इलाके के लोगों में भी गुस्सा है. सरकारी गोशाला में गायों की रखरखाव में लापरवाही और चारे की कमी से गाय की मौत के बाद ग्रामीणों की भीड़ मौके पर पहुंच गई और एक साधु ने गोशाला में धरना शुरू कर दिया.

सरकारी अमला सब छिपाने में जुटा है: ग्रामीण

ग्रामीणों के मुताबिक, गोशाला में बड़ी संख्या में गायों की मौत हुई है और सरकारी अमला सब छिपाने में जुटा है. उनका कहना है कि गायों के रहने के लिए जो टीन शेड बनाया गया है वह बहुत छोटा है और इसके अलावा खाने में केवल सूखा भूसा उपलब्ध है, हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं है.

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ग्रामीणों के अनुसार, लगातार बारिश की वजह से भीगने के कारण और गड्ढों में गिरने की वजह से आधा दर्जन से अधिक गायों की मौत हुई है.

प्रशासन का दावा है कि उसे मौके पर 3 गोवंश मृत हालत में मिले, जिनका पोस्टमार्टम कराकर उन्हें दफन कराया गया है. वहीं, इस पूरे मामले में प्रशासन अपनी गर्दन बचाने में जुटा है. प्रशासन ने गायों को वृद्ध होना बताकर पूरे मामले को दबाने में जुटा है.

                                                                                                      - प्रशांत पाठक के इनपुट के साथ

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