
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मुरादाबाद जिलों में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. सहारनपुर में धर्मस्थल पर निर्माण को लेकर हुई हिंसा के बाद 3 लोगों की मौत हो गई.
हालात बिगड़ने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यूपी के सीएम अखिलेश यादव से बात की. राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल बिगड़ने न दिया जाए.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आला अधिकारियों को हिंसा से सख्ती से निपटने के आदेश दिए हैं. प्रशासन ने सख्ती बरतते हुए कर्फ्यू तोड़ने वाले को गोली मारने के आदेश दिए हैं.
कांग्रेस की नजर भी प्रदेश में बढ़ते तनाव पर टिकी हुई है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि घृणा की सियासत बंद होनी चाहिए.
मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा
अखिलेश यादव ने सहारनपुर में हुई घटना में मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है. उन्होंने इस घटना को बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने घायलों के इलाज के लिए बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने इस घटना के बारे में रिपोर्ट तलब की है.
अखिलेश यादव ने कहा कि हर हाल में सद्भाव और सौहार्द बनाए रखा जाए और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि इस घटना के जिम्मेदार व दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
प्रभावित क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात हैं. घटना के मद्देनजर वेस्टर्न यूपी में हाई अलर्ट जारी किया गया है.
तनाव के मद्देनजर कई क्षेत्रों में कर्फ्यू
सहारनपुर में तनाव बढ़ने के बाद पांच थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाना पड़ा. पारा मिलिट्री फोर्स की 6 कंपनियां तैनात कर दी गई है. मामले की मॉनिटरिंग के लिए लखनऊ से दो आला अधिकारियों को भेजा गया है.
दूसरी ओर, मुरादबाद के कांठ में एक मंदिर में लाउडस्पीकर लगाने के मसले पर तनाव पैदा हुआ. एएसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर मुरादाबाद और कांठ पहुंचे वीएचपी और बीजेपी समर्थकों के चलते तनाव बना हुआ है. इलाके में शांति मार्च निकालने के लिए मधूसूदन मिस्त्री के नेतृत्व में निकले कांग्रेसियों को शनिवार को पुलिस ने गाजियाबाद मे ही रोक दिया.
गुरुद्वारे की जमीन को लेकर संघर्ष
सहारनपुर के कुतुबशेर इलाके में गुरुद्वारे की जमीन लेकर दो अल्पसंख्यक समुदायों में जमकर संघर्ष हुआ. झगड़ा शुक्रवार आधी रात को करीब ढाई बजे तब शुरू हुआ, जब एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के धार्मिक स्थल का निर्माण रोकने की कोशिश की. दोनों तरफ से हुए पथराव और फायरिंग में दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए.
उपद्रवियों ने दर्जनभर दुकानों में आग लगा दी. कई दुकानों में तोड़फोड़ की गई. भीड़ ने पेट्रोल पंप को भी आग लगा दी. बस स्टैंड पर खड़ी तीन प्राइवेट बसों को भी आग के हवाले कर दिया गया. मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड और पुलिस बल पर भी पथराव किया गया. इसमें सिटी मजिस्ट्रेट सहित पांच पुलिसवालों के घायल होने की सूचना है. घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.
घटना की जानकारी मिलते ही कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने रबड़ की गोलियां दागीं. झगड़ा बढ़ने पर इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया. शहर में बड़ी संख्या में पीएसी और आरएएफ की कंपनी भी तैनात की गई है. इसके बाद भी हालात संभलते नहीं देख सेना बुलाई गई और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए.
लखनऊ के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) मुकुल गोयल ने कहा, 'स्थिति को काबू करने के पूरे प्रयास हो रहे हैं. एक व्यक्ति की मौत की खबर है और एक की अपुष्ट सूचना आई है. आईजी, मेरठ मौके पर हैं. अन्य जनपदों से से भी फोर्स मांगी गई है. जो लोग आ रहे हैं, उनको रोका जा रहा है.'
कांठ में लाउडस्पीकर को लेकर बवाल
मुरादाबाद में कांठ स्थित एक मंदिर से लाउडस्पीकर हटवाने का मामला शनिवार को एक बार फिर गरमा गया. मुरादाबाद के एसएसपी धर्मवीर सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे बीजेपी के कई नेताओं को पुलिस ने बीच रास्ते में रोक लिया. ऐसे में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी कार्यकर्ताओं के साथ डीएम ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए. बाद में कुछ विधायकों द्वारा एसएसपी के खिलाफ तहरीर देने के बाद उन्होंने अपना धरना खत्म किया. उन्होंने कहा कि मंदिर से लाउडस्पीकर हटाने का मामला कोर्ट में है, इसलिए अब हम इसके लिए नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने विधायकों के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं.
मुजफ्फरनगर के विधायक सुरेश राणा, नूरपुर के विधायक लोकेश कुमार सिंह और मेरठ के विधायक रविंद्र भड़ाना ने एसएसपी के खिलाफ तहरीर दी. तहरीर देने की सूचना के बाद डीएम ऑफिस से बीजेपी ने अपना धरना खत्म किया. इसके बाद कार्यकर्ता मेरठ लौट गए.
कांग्रेस करना चाहती थी शांति मार्च
कांग्रेस की रणनीति शनिवार को कांठ में शांति मार्च करने की थी. इसके लिए निकले कुछ कांग्रेस नेताओं को गाजियाबाद के पास रोक लिया गया. पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बाद में इन्हें निजी मुचलके पर छोड़ा गया.
इस बीच सरकार का दावा है कि मुस्तैदी बनी हुई है. उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा, प्रशासन मुस्तैद है. सभी शांति-व्यवस्था कायम करने में लगे हैं. कांठ में धारा 144 लगी है. वहां हम किसी भी तरह शांति व्यवस्था भंग नहीं होने देंगे.