
लखनऊ में शुक्रवार को सरकारी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द किए जाने के विरोध में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12,000 से ज्यादा ट्रेनी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश की है. प्रदर्शनकारी शिक्षक इस फैसले के खिलाफ लखनऊ की सड़कों पर उतरे थे. पुलिस को उन्हें नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने गुरुवार को 12,460 ट्रेनी शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी. अखिलेश यादव की सरकार ने साल 2016 में इसकी अधिसूचना जारी की थी. हाईकोर्ट के शुक्रवार के एक और फैसले ने योगी आदित्यनाथ की सरकार की मुश्किलें बढ़ा दीं जिसमें कोर्ट ने आदेश दिया कि इस साल के शुरू में 68,500 पदों की भर्ती वाले आदेश की सीबीआई जांच करेगी.
ट्रेनी शिक्षकों ने शुक्रवार को विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया और पुलिस का घेरा तोड़ने की कोशिश की. प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. हालांकि पुलिस का कहना कि इसमें कोई घायल नहीं हुआ है. जबकि ट्रेनी शिक्षकों ने दावा किया कि पुलिस कार्रवाई में कई लोग गिर गए और उन्हें चोटें आई हैं.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी सरकार की ओर से दिसंबर 2016 में 12460 टीचर्स पदों पर की गई भर्ती को नियमों के खिलाफ बताते हुए गुरुवार को इसे रद्द कर दिया था. कोर्ट ने एक अन्य फैसले में प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर्स के 68500 खाली पदों पर की गई भर्ती की भी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए.
जस्टिस इरशाद अली की बेंच ने ट्रेनी टीचर्स के 12460 पदों के मामले में दायर कई याचिकाओं को निपटाते हुए यह आदेश दिए. कोर्ट ने कहा कि 21 दिसंबर 2016 को तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार की असिस्टेंट टीचर्स की भर्ती उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (शिक्षक) सेवा नियमावली 1981 के खिलाफ थी. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए हैं कि वह नियुक्ति का काम नए सिरे से शुरू करे. अदालत ने इसके लिए राज्य सरकार को तीन महीने का समय दिया है. इसी बेंच ने एक अन्य फैसले में इस साल 23 जनवरी को जारी विज्ञापन के तहत प्राइमरी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर्स के 68500 पदों पर शुरू की गई भर्ती की सीबीआई जांच के आदेश दिए.
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि इस भर्ती में गड़बड़ी साबित होने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. कोर्ट सीबीआई को इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट 26 नवंबर को पेश करने के आदेश देने के साथ-साथ मामले की जांच छह महीने में पूरी करने के निर्देश भी दिए हैं.