Advertisement

सीनियर से परेशान दरोगा ने WhatsApp पर भेजा इस्तीफा

एक दौर था जब कागज पर कुछ लिखने को ही आधिकारिक माना जाता था. फिर ईमेल का दौर आया और ऑफर से लेकर इस्तीफा तक सब ऑनलाइन ही आधि‍कारिक हो गया. लेकिन लगता है अब इस ओर WhatsApp मैसेज को भी आधि‍कारिक मानना होगा. जी हां, क्योंकि एक दरोगा साहेब ने अपना इस्तीफा इसी मैसेजिंग एप के जरिए भेजा है.

symbolic image symbolic image
aajtak.in
  • कानपुर,
  • 07 मई 2015,
  • अपडेटेड 5:41 PM IST

एक दौर था जब कागज पर कुछ लिखने को ही आधिकारिक माना जाता था. फिर ईमेल का दौर आया और ऑफर से लेकर इस्तीफा तक सब ऑनलाइन ही आधि‍कारिक हो गया. लेकिन लगता है अब इस ओर WhatsApp मैसेज को भी आधि‍कारिक मानना होगा. जी हां, क्योंकि एक दरोगा साहेब ने अपना इस्तीफा इसी मैसेजिंग एप के जरिए भेजा है.

तकनीक के बढ़ते हाथ-पांव और बात कहते कि सहूलियत की यह दास्तान कानपुर देहात की है. यहां रसूलाबाद थाना के दरोगा ने पिछले दिनों आईजी कानपुर को व्हाट्सअप के जरिए इस्तीफा भेजा है.

Advertisement

संभव है कि यह देश का पहला ऐसा मामला है. हालांकि, दिलचस्प इस्तीफे का तरीका है उससे कहीं ज्यादा इसका कारण. इस्तीफे में दरोगा विनोद कुमार ने अपने सीनियर अध‍िकारी से परेशान होने को कारण बताया है. उन्होंने आईजी आशुतोष पांडे को व्हाट्सअप पर इस्तीफा भेजकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है.

शिकायती नंबर से भेजा इस्तीफा
विनोद कुमार ने अपने डिप्टी एसपी रमेश चन्द्र विद्यार्थी पर आरोप लगाया है की उन्होंने थाने में सबके सामने उन्हें अपशब्द कहा और बेइज्जत किया. खास बात यह है कि विनोद कुमार ने जिस व्हाट्सअप नंबर 7704020202 से इस्तीफा भेजा है, वह कानपुर आईजी कार्यालय की ओर से जनता के लिए बनाया गया शिकायती नंबर है.

दूसरी ओर, विनोद कुमार के इस्तीफे पर कोई भी पुलिस अधि‍कारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. विनोद कुमार ने आजतक से इस्तीफे की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है, 'मुझे न्याय देने की जगह उल्टा मेरा ट्रांसफर झांसी कर दिया गया. मैं इसकी शिकायत यूपी के डीजीपी से करने लखनऊ जा रहा हूं.' मामले की जांच कानपुर देहात के एडिशनल एसपी को सौंपी गई है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement