
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद से शहरों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है. इस कड़ी में अब कुंभ के लिए मशहूर इलाहाबाद को नया नाम देने के लिए यूपी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिखा है. उन्होंने इलाहाबाद का नाम बदलकर 'प्रयाग' करने की सिफारिश की है.
बता दें कि 2019 में होने वाले कुंभ आयोजन से पहले योगी सरकार 'इलाहाबाद' का नाम बदलकर 'प्रयागराज' करने की तैयारी में पहले से ही जुट गई है. इसी के मद्देनजर सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल को पत्र लिखा और उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय ने 'बॉम्बे' का नाम बदलकर 'मुंबई' करने में भी काफी अहम भूमिका निभाई थी.
इससे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मई महीने में 'इलाहाबाद' दौरे के वक्त कहा था कि 'इलाहाबाद' की पहचान यहां तीन नदियों के संगम की वजह से है, इसलिए इसका नाम 'प्रयागराज' होना चाहिए. कुंभ आयोजन से पहले इस काम को पूरा कर देने की बात भी कही थी.
नाम बदलने की कवायद में ही सिद्धार्थनाथ सिंह का यह पत्र आगे का कदम माना जा रहा है. माना जा रहा है कि योगी सरकार इस संबंध में जल्द ही आदेश पारित कर 'इलाहाबाद' का नाम बदलकर 'प्रयागराज ' कर देगी.
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नेतृत्व में हिंदू संतों के एक समूह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखने की मांग की थी.
16वीं शताब्दी के दौरान मुगल बादशाह अकबर ने दीन-ए-इलाही धर्म की शुरुआत हुई थी. अकबर के शासनकाल के दौरान 1580 में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग किया गया था. मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 2001 में जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उन्होंने इलाहाबाद के प्रयागराज के नाम रखने की कोशिश की थी, लेकिन अमलीजामा नहीं पहना सके थे.
इसी साल मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रखा गया है.