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उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट नियामक (यूपी-रेरा) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के 397 प्रोजेक्ट्स से जुड़े कई ऐसे प्रमोटर्स की पहचान की है जिन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. इस संबंध में यूपी-रेरा ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 22 परियोजनाओं के प्रमोटर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
यूपी-रेरा ने माना है कि ये प्रमोटर्स पजेशन (कब्जे) से संबंधित कोर्ट के आदेश का पालन करने में विफल रहे हैं. उनको नोटिस का जवाब 23 अक्टूबर तक देने को कहा गया है. 23 अक्टूबर को ही ग्रेटर नोएडा स्थित क्षेत्रीय ऑफिस में यूपी-रेरा के सचिव के साथ बैठक भी बुलाई गई है.
ये प्रोमोटर्स कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे के अनुसार शिकायतकर्ताओं को पजेशन देने में नाकाम रहे हैं. अब यूपी-रेरा की ओर से इन प्रमोटर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
क्या लगेगा भारी जुर्माना ?
यूपी-रेरा एक्ट के सेक्शन 63 के तहत अगर जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो परियोजना की कुल लागत के 5 प्रतिशत का जुर्माना उन पर लगा दिया जाएगा. इस तरह से प्रोमोटर्स को 371 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
यूपी रेरा ने कई प्रमोटर्स की 397 ऐसे प्रोजेक्टस की पहचान की है जिनमें कोर्ट के कब्जे को लेकर दिए गए आदेश अनुपालन नहीं किया गया है. पहले चरण में 22 ऐसे प्रोजेक्टस की पहचान की गई है. यूपी रेरा के सचिव के साथ 23 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा क्षेत्रीय ऑफिस में बैठक भी बुलाई गई है.
इस बैठक में पहले चरण के डिफाल्टरों पर जुर्माना लगाया जा सकता है. फिर कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं करने की दिशा में शेष प्रमोटर्स को बाद में बुलाया जाएगा.