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राष्ट्रपति का नाम मालूम नहीं, है शिक्षक भर्ती का टॉपर

जब पुलिस अधिकारियों को उसकी मेधा पर शक हुआ तो उन्होंने उससे देश के राष्ट्रपति का नाम पूछा. शिक्षक भर्ती परीक्षा में 150 में 142 अंक लाने वाले धर्मेंद्र को राष्ट्रपति का नाम नहीं मालूम था.

अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करती पाई गई फर्जी टीचर पुलिस गिरफ्त में (बीच में) अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी करती पाई गई फर्जी टीचर पुलिस गिरफ्त में (बीच में)
आशीष मिश्र
  • लखनऊ,
  • 15 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:05 PM IST

परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक भर्ती परीक्षा में 95 फीसद अंक लाने वाले टॉपर धर्मेंद्र पटेल से पूछताछ में जब पुलिस अधिकारियों को उसकी मेधा पर शक हुआ तो उन्होंने उससे देश के राष्ट्रपति का नाम पूछा. शिक्षक भर्ती परीक्षा में 150 में 142 अंक लाने वाले धर्मेंद्र को राष्ट्रपति का नाम नहीं मालूम था. शिक्षक भर्ती परीक्षा की जांच कर रही स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) को यह भी पता चला है कि धर्मेंद्र शादी-समारोहों में डीजे बजाने का काम करता था. ऐसी कई गड़बड़ियों ने शिक्षक भर्ती की शुचिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर हुए फर्जीवाड़े में अब कई कथित टॉपर स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) के रडार पर आ गए हैं. कुछ अभ्यर्थियों से मिली शिकायत के आधार पर एसटीएफ लिखित परीक्षा में अधिकतम अंक पाने वालों के बारे में जानकारी जुटा रही है. भदोही के कई अभ्यर्थियों का विवरण जुटाया जा रहा है.

आरोप है कि सहायक शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सरगना डॉ. के.एल. पटेल ने धर्मेंद्र और विनोद जैसे कई अभ्यर्थियों को पास करवाया है. एक-एक अभ्यर्थी से उसने आठ से 12 लाख रुपये तक वसूले हैं. सरगना के पास से पुलिस को एक डायरी भी मिली है, जिसमें 17 अभ्यर्थियों के नाम और अनुक्रमांक नंबर दर्ज हैं. इसके अलावा एसटीएफ के पास कई ऐसी शिकायतें आई हैं, जिसमें कहा गया है कि 130 से अधिक अंक पाने वाले कई अभ्यर्थियों ने गिरोह की मदद से लिखित परीक्षा पास की है.

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जानकारों का यह भी कहना है कि फर्जीवाड़ा में नामजद आरोपित भदोही निवासी मायापति दुबे ने भी कई अभ्यर्थियों से पैसे लेकर लिखित परीक्षा में अच्छे अंक दिलवाए हैं. एसटीएफ जांच का दायरा बढ़ाते हुए बारीकी से छानबीन कर रही है, जिन पर संदेह है. मिलने वाली शिकायतों की सच्चाई के बारे में भी पता लगाया जा रहा है, ताकि पूरे गिरोह की कारगुजारी को तथ्यात्मक रूप से उजागर किया जा सके. इस मामले में सरगना डॉ. के.एल. पटेल समेत 12 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है, जबकि कई अभी फरार चल रहे हैं. मामला तूल पकड़ते देख प्रदेश सरकार ने पिछले सप्ताह यह प्रकरण एसटीएफ को जांच के लिए सौंप दिया था.

वहीं, कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में अनामिका शुक्ला के नाम फर्जी नियुक्तियां उजागर होने के साथ ही अनियमितता की परतें खुलती जा रही हैं. इससे नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित टीम-11 की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की. पारदर्शी और शुचितापूर्ण व्यवस्था पर जोर देने के साथ ही उन्होंने निर्देश दिए हैं कि माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, कस्तूरबा गांधी और समाज कल्याण विभाग के सभी स्कूलों में जो भी शिक्षक नियुक्त हैं, उन सभी के दस्तावेजों की जांच कराई जाए. इसके लिए अलग से विशेष टीम बनाई जाएगी.

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