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उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से एक दिल दहला देने वाली खबर है. यहां एक एक लड़की ने एक दो साल की मासूम बच्ची को सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया कि बच्ची की मां ने युवती पर चोरी का इल्जाम लगाया था. इलाज के दौरान अस्पताल में जहां बच्ची की मौत हो गई है, वहीं पांच साल की मासूम बच्ची इस घटना की चश्मदीद बनी है. पुलिस ने आरोपी युवती सहित दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
घटना थाना विछवां इलाके के भोजपुर गांव की है. बताया जाता है कि यहां के अहिवरन सिंह की दो वर्षीय बेटी दीक्षा 23 जुलाई को घर के निकट छोटे बच्चों के साथ खेल रही थी. इस दौरान घर में कोई बड़ा मौजूद नहीं था. ऐसे में मौका पाकर उसी समय गांव की रहने वाली 20 वर्षीय युवती बेबी उर्फ शैली बाल्टी में एक गिलास मिटटी का तेल लेकर अहिवरन सिंह के घर पहुंच गई. देखते ही देखते उसने दीक्षा के ऊपर मिटटी का तेल उड़ेल दिया और फिर मासूम को आग के हवाले कर दिया .
घटना के बाद हंगामा हुआ तो आनन-फानन में गंभीर रूप से घायल बच्ची को जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मिनी पीजीआई सैफई रेफर कर दिया. जिंदगी और मौत के बीच झूल रही मासूम दीक्षा की इलाज के दौरान मौत हो गई, वहीं उसकी एक पांच साल की दोस्त घटना की चश्मदीद बनी है. खासबात यह है कि चश्मदीद बनी बच्ची शबनम आरोपी युवती के परिवार की ही है.
युवती पर लगाया था चोरी का इल्जाम
बताया जाता है कि इस वारदात के पीछे बदले की भावना थी. असल में कुछ समय पहले दीक्षा की मां अनिता ने आरोपी युवती पर कुंडल चुरा लेने का आरोप लगाया था. अनिता के मुताबिक, शैली ने कुंडल चुराकर एक सुनार के यहां 6000 रुपये में गिरवी रख दिए. मामले का खुलासा होने बाद पंचायत बैठी. पंचायत में युवती से 6000 रुपये वापस दिलाए गए, जिसके बाद से ही शैली बदला लेने की सोच रही थी. हालांकि, इसके लिए वह इस हद तक गिर जाएगी, इसका अंदाजा किसी को नहीं था.
मैनपुरी के एसपी उदयशंकर जायसवाल ने कहा, 'यह बहुत ही अमानवीय घटना है. बीते 23 तारीख को मासूम को जला दिया गया. जलाने वाली लड़की इंटर पास है. आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.'