Advertisement

जानें: क्या है वो पूरा मामला जिसके चलते जेल में है उन्नाव गैंगरेप पीड़िता का चाचा

साल 2002 में जब कुलदीप सिंह सेंगर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब पीड़िता के ताऊ, चाचा और पिता ने उसकी चुनाव में भरपूर मदद की थी.मगर पहली बार विधायक बनने के बाद ही कुलदीप सिंह सेंगर ने उन तीनों भाइयों से किनारा कर लिया था.

महेश सिंह के खिलाफ कुलदीप सेंगर ने ही मुकदमा दर्ज कराया था (फाइल फोटो) महेश सिंह के खिलाफ कुलदीप सेंगर ने ही मुकदमा दर्ज कराया था (फाइल फोटो)
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

उन्नाव गैंग रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद इंसाफ की उम्मीद जगी है. इस दौरान महेश सिंह का नाम बार-बार सामने आ रहा है. पीड़िता के साथ सड़क हादसे के दिन कार में महेश की पत्नी और साली भी सवार थी. वे तीनों वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद महेश सिंह से ही मिलने जा रहे थे. अब हम आपको बताते हैं कि आखिर महेश सिंह को जेल क्यों भेजा गया था.

Advertisement

वर्ष 2002 तक पीड़ित लड़की के ताऊ, चाचा और पिता से आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर की खूब बनती थी. सभी का एक-दूसरे के घर आना जाना था. 2002 में जब कुलदीप सिंह सेंगर पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहा था, तब पीड़ित लड़की के ताऊ, चाचा और पिता ने सेंगर को चुनाव में भरपूर मदद की थी.

मगर पहली बार विधायक बनने के बाद कुलदीप सिंह सेंगर ने अचानक तीनों भाइयों से किनारा करना शुरू कर दिया. इसके बाद दोनों परिवारों के बीच दरार पड़नी शुरू हो गई. धीरे-धीरे ये दरार आपसी रंजिश में बदल गई. इसी बीच ग्राम प्रधान का चुनाव आ गया. तब सेंगर को सबक सिखाने के लिए पीड़ित लड़की के ताऊ ने खुद प्रधानी का चुनाव लड़ने का फैसला किया.

उधर, दूसरी तरफ विधायक सेंगर की मां चुन्नी देवी प्रधानी का चुनाव लड़ रही थीं. तब पहली बार था, जब दोनों परिवार आमने-सामने थे. हालांकि चुनाव से ऐन पहले कुलदीप सिंह सेंगर ने पीड़िता के ताऊ के मुकदमों को हथियार बना कर उसकी उम्मीदवारी खारिज करा दी थी. लिहाज़ा अब पीड़िता के ताऊ की जगह उसके करीबी देवेंद्र सिंह की मां को चुनाव में उतार दिया गया.

Advertisement

पीड़िता के चाचा के खिलाफ मुकदमा

इसी प्रधानी के चुनावी प्रचार के दौरान पीड़ित लड़की चाचा और कुलदीप सेंगर गुट के बीच झड़प हो गई. गोली भी चली. जिसमें कई लोग घायल हो गए. बाद में विधायक सेंगर की तरफ से पुलिस ने पीड़िता के चाचा के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज किया.

दोनों परिवारों के बीच की आपसी दुश्मनी में पहला कत्ल पीड़िता के ताऊ का हुआ था. गांव में ही कुछ लोगों ने ईंट-पत्थरों से हमला कर उसे मार दिया था. उसकी हत्या की साजिश रचने का इल्ज़ाम तब विधायक कुलदीप सेंगर पर ही लगाया था.

भाई की मौत के फौरन बाद पीड़ित लड़की का चाचा भी उन्नाव छोड़ कर कहीं चला गया था. फिर करीब 17 साल बाद 2018 में उसे दिल्ली के करीब से ही उसे गिरफ्तार किया गया और अब उसी मामले में वो रायबरेली जेल में दस साल की सजा काट रहा है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement