
शुरुआत से ही विवादों में रहे निर्माणाधीन श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को भव्यता प्रदान करने के लिए प्रशासन तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है. खास बात यह कि कॉरिडोर के निर्माण में भी मकराना के ही पत्थरों का उपयोग किए जाने की तैयारी है, जिनसे दुनिया के आश्चर्यों में शामिल आगरा के ताजमहल का निर्माण हुआ है.
श्रीकाशी विश्वनाथ न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के नेतृत्व में एक टीम ने राजस्थान के मकराना जाकर खदानों में पत्थरों के सैंपल देखे. सीईओ सिंह ने aajtak.in से कहा कि मकराना में उनकी पांच-छह खदान मालिकों से बात हुई और पत्थरों के संबंध में जानकारी लेने के साथ ही एस्टीमेट भी ले लिया गया है.
उन्होंने कहा कि पत्थर की क्वालिटी और अन्य सभी मानकों को परखने के बाद कार्यदायी संस्था का निर्धारण किया जाएगा. सिंह ने कहा कि विशेषज्ञों से बातचीत और पत्थरों की क्वालिटी तय होने के बाद खदान मालिकों से डील फाइनल की जाएगी.
सीईओ सिंह ने कहा कि हमारा जोर गुणवत्ता पर है, इससे समझौता नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी इसके लिए शासन से स्वीकृति लेने के साथ ही अन्य औपचारिकताओं को भी पूरा किया जाना है. ऐसे में हर कदम ध्यान से बढ़ाया जाएगा.
विशिष्टता को दुनिया देखेगी
विशाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच के अनुरूप श्रीविश्वनाथ धाम कॉरिडोर भव्य होगा और इसके स्वरूप, इसकी विशिष्टता को पूरी दुनिया देखेगी. उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि इसके निर्माण में किसी भी तरह की कोई कमी न रह जाए.
शासन ने दी खुली छूट
सूत्रों की मानें तो कॉरिडोर निर्माण से जुड़े अधिकारियों को शासन स्तर से खुली छूट दे दी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए शासन स्तर से धन की कमी नहीं होने देने और जितना भी लगेगा, उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया गया है.
चार लाख वर्ग फीट से अधिक है क्षेत्रफल
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण लगभग चार लाख वर्ग फीट से अधिक भूमि में होना है. इसी परिधि के तहत यहां भवनों की खरीद की गई है और करीब तीन लाख 80 हजार स्क्वायर फीट जमीन भी क्रय कर ली गई है. हालांकि परिक्षेत्र के बढ़ने की संभावना बनी हुई है और यही वजह है कि कॉरिडोर निर्माण के लिए करीब 10 लाख स्क्वायर फीट पत्थर मकराना से खरीदे जाएंगे.