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PAK से दोस्ती निभाने के चक्कर में यूपीए सरकार ने छोड़ा था पठानकोट हमले के हैंडलर को

शाहिद उन्हीं 25 आतंकियों में से एक है जिसे 28 मई 2010 को तत्काली मनमोहन सिंह सरकार ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के एवज में रिहा कर दिया था.

जैश प्रमुख मसूद अजहर ने रची थी पठानकोट हमले की साजिश जैश प्रमुख मसूद अजहर ने रची थी पठानकोट हमले की साजिश
प्रियंका झा
  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2016,
  • अपडेटेड 12:20 AM IST

पाकिस्तान के साथ खट्टे रिश्तों में मिठास भरने के लिए तत्कालीन यूपीए सरकार ने 2010 में शाहिद लतीफ नाम के जैश आतंकी को यूं ही छोड़ दिया था. इसका खामियाजा भारत को इस साल जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के तौर पर उठाना पड़ा है.

'द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के इसी आतंकी ने पठानकोट हमलों के दौरान फिदायीन स्कवॉड को हैंडल किया था.

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खबर के मुताबिक शाहिद उन्हीं 25 आतंकियों में से एक है जिसे 28 मई 2010 को तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने के एवज में रिहा कर दिया था. ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए मोहम्मद के थे. पठानकोट हमले का फिदायीन अटैक हैंडलर शाहिद 11 साल तक भारतीय जेल में बंद रहा था.

ये आतंकी जम्मू, श्रीनगर, आगरा, वाराणसी, नैनी (यूपी) और तिहाड़ जेल में बंद थे और इन्हें वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया था.

कंधार प्लेन हाईजैक के वक्त भी मांगी थी शाहिद की रिहाई
खास बात यह है कि लतीफ की रिहाई की मांग 1999 में हुए इंडियन एयरलाइंस के विमान हाईजैक के समय भी की गई थी. उस समय 154 विमान यात्रियों की रिहाई के बदले जैश प्रमुख मसूद अजहर और दो अन्य आतंकियों को को रिहा करवा लिया गया था. हालांकि उस समय तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने शाहिद और अन्य 31 आतंकियों की रिहाई से साफ इनकार कर दिया था. लतीफ भारत में जैश की आतंकी गतिविधियों को हैंडल करता है.

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