
गोवा और मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी की जोड़-तोड़ से सरकार बनाने का मुद्दा आज कांग्रेस ने राज्यसभा में जोर शोर से उठाया और जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी और प्रश्नकाल नहीं चल सका.
सुबह कार्यवाही शुरू होने पर शून्यकाल भी पहले बाधित हुआ और इस दौरान सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए शुरू में स्थगित करनी पड़ी. इसके बाद प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने फिर से इस मुद्दे को उठाया और नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच वेल में पहुंच गये.
इस दौरान विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गोवा और मणिपुर में लोकतंत्र की हत्या की गई है. इसी बीच कांग्रेस सदस्यों के हंगामा और नारेबाजी करने के कारण सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12.19 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. इसके बाद एक बार फिर जब सदन की कार्यवाही शुरू हुए तो कांग्रेस के नेता सदन के बीचों-बीच आ गए और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो - बंद करो’ के नारे लगाते हुए वेल में घुस गए.
उधर आनंद शर्मा ने भी मणिपुर में कांग्रेस सरकार बनाने की स्थिति में थी, लेकिन उसके दावे की अनदेखी की गयी और भाजपा को सरकार बनाने की मौका दिया गया. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठों ने दो फैसले दिए हैं, जिनमें साफ कर दिया गया है कि अगर किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं है तो राज्यपाल को सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का मौका देना चाहिए. अगर सबसे बड़ी पार्टी बहुमत साबित करने में नाकाम रहती तो दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को मौका दिया जाना चाहिए था.
उन्होंने आरोप लगाया कि गोवा और मणिपुर में विधायकों तथा जनादेश का हरण कर लिया गया. अपने भाषण में शर्मा ने राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाए. इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आपत्ति जताई और उस हिस्से को सदन की कार्यवाही से निकाल देने की मांग भी की. इसी दौरान आंनद शर्मा बोल ही रहे थे, लेकिन हंगामे एवं नारेबाजी के कारण कुछ भी सुना नहीं जा सका.
इसी दौरान सत्तापक्ष के सदस्य भी अपनी-अपनी सीटों पर खड़े होकर जोर-जोर से बोलने लगे. सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत रहने एवं कांग्रेस सदस्यों से अपनी-अपनी सीटों पर लौट जाने की अपील की, लेकिन सदस्यों के हंगामा जारी रहने सदन की कार्यवाही एक बार फिर स्थागित करनी पड़ी.