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UPSC: 3 साल घर से बाहर नहीं निकले, तब जाकर मिली 191वीं रैंक

उन्होंने बताया कि परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने विजन की टेस्ट सीरीज ज्वाइन की थी, अखबार पढ़ा, मॉक इंटरव्यू दिए लेकिन 2016 में फाइनल इंटरव्यू में नाम नहीं आया था.

अंकित यादव अंकित यादव
परमीता शर्मा/राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

देश की सबसे प्रतिष्ठित संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा का रिजल्ट आ चुका है. इसमें अंकित यादव को 191 रैंक हासिल हुई है. अंकित ने बताया कि 1998 से दिल्ली पुलिस के सरकारी क्वार्टर में रह रहे हैं और वो परीक्षा की तैयारी में इतने मशगूल थे कि पिछले 3 साल से घर से बाहर नहीं निकले.

अंकित ने बताया कि उन्हें मूड स्विंग्स होते हैं. स्वभाव बार-बार बदलता है. ऐसे में परिवार का सपोर्ट बहुत जरूरी होता है. परिवार ने उन्हें काफी सपोर्ट किया भी. साथ ही अपनी मेहनत भी मायने रखती है. उन्होंने बताया कि परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने विजन की टेस्ट सीरीज ज्वाइन की थी, अखबार पढ़ा, मॉक इंटरव्यू दिए, लेकिन 2016 में फाइनल इंटरव्यू में नाम नहीं आया था.

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अंकित बताते हैं कि मोटिवशन अंदर से आता है, लेकिन उसे बाहरी फैक्टर भी प्रभावित करते हैं. उन्होंने अपनी तैयारी में परिवार में मम्मी को भी ज्यादा क्रेडिट दिया. उन्होंने तैयारी के लिए बताया कि राइटिंग प्रैक्टिस भी बहुत जरूरी है.

वहीं जामिया के सेंटर फॉर कोचिंग एंड करियर प्लानिंग से करीब 40 बच्चों ने यह एग्जाम पास किया है. इन्हीं में से एक जुनैद ने 10 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद यह परीक्षा पास की. जियोग्राफी उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट था और चौथे अटेंप्ट में उन्हें 352 रैंक मिली. उन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स यहां बहुत कॉन्पिटिटिव रहते हैं.

सबसे पहली हेल्प यही है कि क्लासेज रेगुलर होती हैं, गाइडेंस मिलता है और रेगुलर मोटिवेशन मिलता है. उन्होंने बताया कि यहां के डायरेक्टर खुद एक IAS हैं, लोगों को गाइड करते हैं और यहां लाइब्रेरी भी 24 घंटे खुली रहती है, जहां बैठकर स्टूडेंट पढ़ सकते हैं. यहां बैठकर स्टूडेंट पढ़ाई कर सकते हैं.

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(तस्वीर में जुनैद और मोतीउर रहमान)

उन्होंने कहा कि प्राइवेट नौकरी तो कहीं भी की जा सकती है लेकिन आईएएस बनकर सिस्टम में बदलाव लाया जा सकता है. जुनैद ने बताया, 'मैं एक एवरेज स्टूडेंट था. बस एक ही सपना था कि मुझे आईएएस बनना है.' उन्होंने कहा कि मेहनत करिए उसका रिजल्ट जरूर मिलेगा.

वहीं मोतीउर रहमान जिनका सब्जेक्ट फिलॉसफी था. उन्होंने बताया कि जितने भी थिंकर्स हैं उनके छोटे- छोटे नोट बना लेने चाहिए, ताकि रिवाइज कर सकें. पूरे सिलेबस का 20 पेज का नोट बनाया था और उसे रिवाइज करके गया था. एक यही चीज थी जो एग्जाम में अलग की थी. पढ़ने से ज्यादा लिखना चाहिए ज्यादा लिखने से ज्यादा इंप्रूवमेंट होता है.

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