
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में 5 वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी पक्ष रख रहे हैं.
सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुणे पुलिस की सारी कहानी मनगढंत है, सवाल ये है कि जो आदमी 2017 मार्च से जेल में है उसके नाम या उसके नाम से चिट्ठी कैसे और कहां से आई?
उन्होंने कहा कि अरुण फरेरा तो बरी हो चुके हैं, वर्नन गोंजाल्विस भी अधिकतर मामलों में बरी हैं. वहीं वरवरा राव कवि और दार्शनिक हैं, उनके खिलाफ भी मुकदमे हैं लेकिन वे बरी हो गए हैं.
सिंघवी ने कोर्ट में कहा कि कामरेड प्रकाश वाली चिठ्ठी पूरी तरह से फिक्स दिखती है. महाराष्ट्र पुलिस पहले कह रही थी कि प्रोफेसर साईं बाबा ही कामरेड प्रकाश हैं. लेकिन साईं बाबा तो 2017 ही जेल में हैं. इस दौरान उन्होंने फिर कहा कि किसी भी एफआईआर में इनका नाम क्यों नहीं है.
आरोपियों की तरफ से आनंद ग्रोवर ने कहा कि हाल में गिरफ्तार हुए लोगों से पहले इसी FIR के तहत सुरेंद्र गडलिंग सहित पांच लोगों को मई में गिरफ्तार किया गया था. और इसके बाद एक अन्य एफआईआर दर्ज की गई.
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पक्ष रखते हुए पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि ये याचिका पवित्र और निष्पक्ष है. हर नागरिक को उनकी आज़ादी का अधिकार है. उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि ऐसे मामलों में कोर्ट आंख मूंद कर नहीं रह सकती है. उन्होंने कहा कि ये सभी गिरफ्तारियां बिना तथ्यों के की गई हैं, राज्य सरकार ने जो भी आरोप लगाए हैं वो कानूनी रूप से गलत हैं.
महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखते हुए ASG तुषार मेहता ने कहा कि हमारे पास मामले में पुख्ता सबूत हैं, हमने पुलिस की डायरी कोर्ट को सौंप भी दी है.
बता दें कि इससे पहले भी सोमवार को इस मामले पर सुनवाई हुई थी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत हैं जिनके आधार पर गिरफ्तारी की गई है.