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ऊर्जित पटेल को मिली RBI की कमान, 4 सितंबर को संभालेंगे पद, महंगाई को काबू करने में एक्सपर्ट

ऊर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर होंगे. पटेल रघुराम राजन की जगह लेंगे. फिलहाल आरबीआई में ऊर्जित पटेल डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्त हैं.

ऊर्जित पटेल ऊर्जित पटेल
अमित कुमार दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:39 PM IST

ऊर्जित पटेल भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए गवर्नर होंगे. पटेल रघुराम राजन की जगह लेंगे. राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है. फिलहाल आरबीआई में ऊर्जित पटेल डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्त हैं.

उर्जित पटेल के बारे में अहम जानकारियां:
1. येल से अर्थशास्त्र में पीएचडी और ऑक्सफोर्ड से एमफिल की पढ़ाई की.
2. 52 साल के ऊर्जित पटेल फिलहाल आरबीआई में डिप्टी गवर्नर और मौद्रिक नीति प्रभारी हैं.
3. उर्जित पटेल भारतीय मुद्रास्फीति लक्ष्य और रेट सेटिंग पैनल के एक प्रमुख वास्तुकार माने जाते हैं.
4. जापानी कंपनी नोमुरा उर्जित को बाज के नजर वाला अर्थशास्त्री मानती है.
5. पटेल बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ काम कर चुके हैं.

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सूत्रों की मानें तो गर्वनर पद की दावेदारी के लिए 4 नाम तय किए गए थे. जिनमें आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल निभा रहे ऊर्जित पटेल पटेल, रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री सुबीर गोकम और भारतीय स्टेट बैंक की अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य को नाम था. लेकिन सरकार ने उर्जित पटेल के नाम पर अपनी मुहर लगाई.

खबरों के मुताबिक रघुराम राजन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा आरबीआई गर्वनर पद पर देखना चाहते थे. लेकिन रघुराम राजन ने खुद इस पद को संभालने से मना कर दिया था. जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रघुराम राजन के फैसले का स्वागत करते हुए नए गवर्नर की तलाश की बात कही थी. राजन का कार्यकाल 4 सितंबर को खत्म हो रहा है. जिसके बाद ऊर्जित पटेल गवर्नर का पद संभालेंगे.

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ऊर्जित के कार्यकाल में किन योजनाओं पर रहेगी नजर?
1. महंगाई कम करने पर फोकस. 2017 तक महंगाई दर को 4 फीसदी तक लाना. 2013 में जब राजन ने कार्यभार संभाला था तब रिटेल महंगाई दर 9.52 फीसदी थी, जो अप्रैल 2016 में घटकर 5.24 फीसदी पर आ गई.
2. एनपीए कंट्रोल करना. इसमें विलफुट डिफॉल्टर पर सख्ती करते हुए लोन रिकवरी को आसाना बनाना शामिल है.
3. स्पेशलाइज्ड बैंकों की जरूरत, यानी ऑन डिमांड बैंक सर्विस.
4. ऑन डिमांड बैंक खोलने का सिस्टम डेवलप करना.
5. बैंकों की संख्या 8-10 करने की योजना. कुछ दिन पहले ही एसबीआई ने अपने एसोसिएट बैंकों का विलय किया है.

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