Advertisement

Anti-CAA Protest: अंग्रेजों के काले कानून जैसा है CAA, गरीबों को होगी परेशानी: उर्मिला मातोंडकर

Anti-CAA Protest: उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि 1919 में दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद ब्रिटिशर्स को पता था कि हिंदुस्तान में असंतोष फैल रहा है. ये असंतोष बाहर आने वाला है इसलिए वो एक कानून लेकर आए थे. ये कानून काफी खतरनाक था. वो 1919 का कानून और आज 2019 का सीएए कानून है.

Anti-CAA Protest: उर्मिला मातोंडकर सोर्स इंस्टाग्राम Anti-CAA Protest: उर्मिला मातोंडकर सोर्स इंस्टाग्राम
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में ना केवल आम लोग बल्कि कई बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और इन स्टार्स ने विरोध प्रदर्शनों में भी हिस्सा लिया है. एक्ट्रेस और कांग्रेस की पूर्व नेता उर्मिला मातोंडकर ने सीएए को काला कानून बताया है. 

महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर बात करते हुए उर्मिला ने कहा- 'एक बात मुझे लगता है कि आपको बतानी चाहिए कि जिस इंसान ने गांधीजी पर गोलियां चलाई थी वो इंसान कौन था, क्या वो इंसान मुसलमान था, क्या वो सिख या ईसाई था ? वो इंसान एक हिन्दू था. अब इसके अलावा इस बारे में मैं यहां क्या कहूं क्योंकि ये बात हम सबके लिए इतनी भयानक है, इस बात को हर दिन सुबह उठकर दिमाग में रखना इतना भयानक है कि इस बात में कई चीज़ें शामिल हैं.

Advertisement

उन्होंने आगे कहा कि 'वर्ष 1919 में दूसरा विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद ब्रिटिशर्स को पता था कि हिंदुस्तान में असंतोष फैल रहा है और ये असंतोष बाहर आने वाला है इसलिए वो एक कानून लेकर आए थे. उस कानून का नाम काफी लंबा हैं लेकिन वो रोलेट एक्ट के नाम से मशहूर हुआ क्योंकि वो कानून रोलेट के डेलिगेशन द्वारा लाया गया था. उस कानून के मुताबिक किसी भी शख्स को देश विरोधी गतिविधियां करने पर बिना किसी पूछताछ और सबूत के जेल में डालने की अनुमति सरकार को थी.'

1919 के कानून की तरह ही काला कानून है सीएए: उर्मिला

उन्होंने आगे कहा कि 'ये कानून काफी खतरनाक था. वो 1919 का कानून और आज 2019 का सीएए कानून है. ये दोनों कानून इतिहास में काले कानून के नाम से दर्ज होंगे. आज जिस तरह लोग रास्ते पर उतर रहे हैं और उस वक्त जिस तरह से लोग रास्ते पर उतरे थे मैंने वो वक्त देखा तो नहीं लेकिन जिस तरह से मैंने पढ़ा है ये उसकी याद दिलाते हैं. ये कानून गरीबों के खिलाफ हैं और वो गरीब कोई भी गरीब शख़्स हो सकता है. ऐसा एहसास दिलाया जाता है कि ये कानून मुसलमानों के खिलाफ है. लेकिन उसके अलावा आज कहीं न कहीं 15 प्रतिशत मुसलमानों का डर 85 प्रतिशत हिंदुओं को बताकर उनपर अंकुश लगाने की कोशिश की जा रही है.'

Advertisement

गौरतलब है कि उर्मिला के अलावा कई बॉलीवुड सितारों ने भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ आवाज उठाई है जिनमें अनुराग कश्यप, तापसी पन्नू, ऋचा चड्ढा, अली फजल, विशाल भारद्वाज, जोया अख्तर, फरहान अख्तर, अनुभव सिन्हा, स्वरा भास्कर जैसे सितारे शामिल हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement