
सीरिया की राजधानी दमिश्क पर शनिवार तड़के 100 से ज्यादा मिसाइलों ने हमला किया. इन हमलों के पीछे अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस का हाथ था. इन देशों का कहना है कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद अपने देश में रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस वजह से उन्होंने यह कार्रवाई की है.
दुनिया के तमाम नेताओं और देशों ने इस राजनीतिक घटनाक्रम पर चिंता जताई है. सीरिया के समर्थन में रूस, चीन और ईरान जैसे देश सामने आए हैं और उन्होंने इन हमलों का गंभीर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. ऐसे में यह समझना भी अहम होगा कि सीरिया में इस हमले को लेकर क्या प्रतिक्रियाएं हैं.
सीरिया की सरकार
सीरिया के विदेश मंत्रालय ने इन हमलों की निंदा की है और कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन किया है. मंत्रालय ने कहा है कि अभी केमिकल हमले के आरोपों की जांच ही चल रही है और ये हमले बताते हैं कि अमेरिका असद सरकार पर केमिकल हमले के अपने झूठे आरोपों को छिपाने की कोशिश में है.
सीरिया का विपक्ष
सीरिया के प्रमुख विपक्षी वार्ताकार नसीर अल हरीरी ने व्यंगात्मक अंदाज में कहा है कि अब सीरिया की सरकार केमिकल हथियारों के हमले का खतरा मोल नहीं लेगी और सामान्य हथियारों, बमों का इस्तेमाल करेगी.
पत्रकार और एक्टिविस्ट अब्दालजीज ने अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा है कि यह दर्ज किया जाएगा कि तीनों देश इतिहास में सही दिशा में खड़े हुए.
हालांकि, ट्विटर पर आम लोगों के बीच हमले की मिली जुली प्रतिक्रिया आ रही है. एक यूजर ने लिखा है कि रूस की स्मार्ट मिसाइलों ने अमेरिका की मिसाइलों को गिराने का काम किया है. (ऊपर दिया अनुवादित ट्वीट)