
टॉप अमेरिकी सेनेटरों द्वारा पाकिस्तान को आठ एफ-16 फाइटर प्लेन्स की बिक्री के लिए अपने टैक्सपेयर्स के पैसे के इस्तेमाल पर रोक लगा दिए जाने के मद्देनजर ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान को ये विमान खरीदने के लिए पूरी कीमत देने को कहा है.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने सोमवार को रेग्युलर प्रेस कॉन्फ्रेंस सम्मेलन में कहा, 'कांग्रेस ने बिक्री को मंजूरी दे दी है लेकिन महत्वपूर्ण सदस्यों ने यह स्पष्ट किया है कि वे इसके समर्थन के लिए एफएमएफ (विदेशी सैन्य वित्तपोषण) के इस्तेमाल पर आपत्ति करते हैं. कांग्रेस की आपत्तियों के मद्देनजर हमने पाकिस्तानियों से कहा है कि उन्हें इसके लिए अपने राष्ट्रीय कोष को पेश करना चाहिए.'
हालांकि किर्बी ने यह नहीं बताया कि यह निर्णय कब लिया गया और इसके बारे में पाकिस्तान को कब बताया गया. विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर की अनुमानित लागत पर आठ लड़ाकू विमान बेचने के अपने विचार के बारे में कांग्रेस को 11 फरवरी को सूचित किया था. भारत सरकार ने इस कदम का विरोध किया था और उसने इस मामले में अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा को तलब किया था.
अमेरिकी सेनेटर और शक्तिशाली सेनेट फॉरन रिलेशन कमिटी के चेयरमैन बॉक कोकर के नेतृत्व में टॉप अमेरिकी लॉमेकर्स ने इस डील को रोक दिया था. इनका कहना था कि ओबामा प्रशासन पाकिस्तान के साथ इस डील में अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसे को नहीं दे सकता है.
इसके साथ ही इन्होंने इस डील का विरोध करते हुए कहा कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों को खिलाफ पर्याप्त और प्रभावी कदम नहीं उठा रहा है. खासकर इन्होंने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तान के संबंधों पर कड़ा ऐतराज जताते हुए ओबामा प्रशासन से इस डील के खिलाफ तीखी असहमति जताई थी. इन्होंने कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देता है.
कई इंडियन-अमेरिकन ऑर्गेनाइजेशन ने अमेरिकी लॉमेकर्स के समक्ष इस डील को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई थी. इन्होंने कहा था कि यह एक बैड ऐक्टर को रिवॉर्ड देने से ज्यादा कुछ नहीं है। पिछले हफ्ते अमेरिकी लॉमेकर्स ने एक कांग्रेस में बहस के दौरान खुलेआम कहा था कि उन्हें इस बात को लेकर आशंका है कि पाकिस्तान F-16 का इस्तेमाल आतंकवाद के मुकाबले इंडिया के खिलाफ कर सकता है.