Advertisement

अमेरिकी अदालत ने मांगे पीएम मोदी के वीजा रिकॉर्ड

न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के न्यायाधीश जॉन जी. कोएल्टल ने नौ दिसंबर के अपने आदेश में कहा है कि विदेश विभाग मध्य जनवरी 2016 में प्रारंभिक दस्तावेज पेश करेगा और उसके बाद मध्य फरवरी में दस्तावेज की दूसरी खेप पेश करेगा.

स्‍वपनल सोनल/IANS
  • न्यूयॉर्क,
  • 12 दिसंबर 2015,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST

अमेरिका की एक संघीय अदालत के न्यायाधीश ने विदेश विभाग को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटाने के ओबामा प्रशासन के निर्णय से संबंधित सभी दस्तावेज फरवरी 2016 तक पेश करने के आदेश दिए हैं.

न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के न्यायाधीश जॉन जी. कोएल्टल ने नौ दिसंबर के अपने आदेश में कहा है कि विदेश विभाग मध्य जनवरी 2016 में प्रारंभिक दस्तावेज पेश करेगा और उसके बाद मध्य फरवरी में दस्तावेज की दूसरी खेप पेश करेगा. न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि मामले की अगली सुनवाई 29 फरवरी को होगी.

Advertisement

मोदी को पूर्व में जारी किया गया पर्यटक वीजा, 2002 के गुजरात दंगे में उनकी कथित भूमिका को लेकर 2005 में रद्द कर दिया गया था. उस समय वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

लेकिन मई 2014 के आम चुनाव के बाद वह देश के प्रधानमंत्री बने और उसके बाद राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें बधाई दी थी और उन्हें अमेरिका आने का निमंत्रण दिया था. मोदी उसके बाद से दो बार अमेरिका जा चुके हैं. मोदी ही एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्हें धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी कानून के तहत अमेरिकी वीजा से इंकार कर दिया गया था. लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद उन पर लगा यह प्रतिबंध हटा दिया गया था, क्योंकि शासनाध्यक्ष या राष्ट्राध्यक्ष इस कानून के दायरे में नहीं आते.

अमेरिका स्थित संगठन, 'सिख्स फॉर जस्टिस' (एसएफजे) ने 'फ्रीडम ऑफ इंफॉर्मेशन एक्ट' (एफओआईए) के तहत विदेश विभाग से जून 2013 से लेकर नरेंद्र मोदी के वीजा और प्रवेश से संबंधित सभी रिकॉर्डस मांगे थे, लेकिन विदेश विभाग ऐसा करने में विफल रहा. इसके खिलाफ इस संस्था ने सितम्बर में शिकायत दर्ज कराई थी.

Advertisement

एसएफजी की शिकायत में अमेरिकी अदालत से हस्तक्षेप का आग्रह किया गया है और आरोप लगाया है कि वर्ष 2005 में या इसके आसपास प्रतिवादी अमेरिकी विदेश विभाग ने नरेंद्र मोदी को दिया गया बी-2 पर्यटक वीजा आईएनए की धारा 212(ए)(2)(जी) के तहत रद्द कर दिया था, क्योंकि एक विदेशी सरकारी अधिकारी के पद पर काम करते हुए मोदी धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन करने के लिए जिम्मेदार थे, जिसके कारण उनका अमेरिका में प्रवेश अस्वीकार्य था.

एसएफजे ने पिछले वर्ष अगस्त में एफओआईए के तहत एक याचिक दायर की थी, जिसमें मोदी पर प्रतिबंध लगाने और उन्हें अमेरिका प्रवेश की फिर से अनुमति देने के बुश और ओबामा प्रशासन के निर्णयों से संबंधित सात प्रमुख श्रेणी के दस्तावेजों को जारी करने की मांग की गई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement