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सीरिया में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने दागे मिसाइल, रूस बोला- पुतिन का अपमान बर्दाश्त नहीं

अमेरिकी आधिकारियों ने बताया कि सीरिया के खिलाफ इस कार्रवाई में लड़ाकू विमानों और जलपोतों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. वहीं, रूस ने अमेरिका के मिसाइलों को मार गिराने की चेतावनी दी है.

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राम कृष्ण
  • दमिश्क/वॉशिंगटन,
  • 14 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

गृह युद्ध की आग में झुलसे सीरिया में मिसाइल हमले शुरू हो गए हैं. सीरिया में केमिकल हमले के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मिसाइल हमले का आदेश दिया है. सीरिया के खिलाफ इस बड़ी सैन्य कार्रवाई में अमेरिका के साथ फ्रांस और ब्रिटेन भी शामिल हैं. वहीं,  अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के संयुक्त हमले के बाद सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने ट्वीट किया, ''अच्छी आत्माओं को दबाया नहीं जा सकता है.''

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सीरिया में हमला करने की अमेरिकी राष्ट्रपति की घोषणा के बाद दमिश्क के पास धमाके की आवाज सुनी गई है. अमेरिकी आधिकारियों ने बताया कि सीरिया के खिलाफ इस कार्रवाई में लड़ाकू विमानों और जलपोतों का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस हमले में कई तरह के बमों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. फ्रांस के रक्षा मंत्री ने कहा कि सीरिया में अमेरिका, फ्रांस और  ब्रिटेन की संयुक्त सैन्य कार्रवाई से पहले रूस को आगाह किया गया था.

नाटो ने भी सीरिया पर अमेरिकी हमले का समर्थन किया है. वहीं, रूस ने अमेरिका के मिसाइलों को मार गिराने की चेतावनी दी है. अमेरिका में रूसी राजदूत ने सीरिया पर अमेरिकी नेतृत्व में हमला करने के परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है. हमले के कुछ देर बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की ओर से दागी गई मिसाइलें सीरिया में रूसी एयर डिफेंस जोन में प्रवेश नहीं की हैं.

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सीरिया पर हमले के सिवाय नहीं बचा था कोई विकल्प: ब्रिटेन

ट्रंप ने कहा कि सीरिया में दूसरी बार केमिकल हथियारों का इस्तेमाल किया गया. ब्रिटेन  ने कहा कि सीरिया में हमला करने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था. राष्ट्र को संबोधन में ट्रंप ने कहा कि कुछ समय पहले मैंने अमेरिकी सुरक्षा बलों को सीरियाई तानाशाह  बशर अल असद से जुड़े केमिकल हथियारों को निशाना बनाकर हमला करने का आदेश दिया था.

पिछले हफ्ते डूमा में हुआ था केमिकल हमला

पिछले हफ्ते सीरिया के डूमा में केमिकल हमला हुआ था, जिसकी चपेट में बच्चों और महिलाओं समेत करीब 500 लोग आए थे. इसकी दुनिया भर में कड़ी निंदा हुई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस केमिकल हमले का आरोप रूस, ईरान और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद पर लगाया था. उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति के समर्थन करने पर रूस और ईरान को भी चेतावनी दी है.

एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अब सीरिया के खिलाफ अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का संयुक्त सैन्य ऑपरेशन जारी है. हम इसके लिए फ्रांस और ब्रिटेन का शुक्रिया अदा करते हैं. उन्होंने कहा कि सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के केमिकल हथियारों के ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है.

सीरियाई ठिकानों को बनाया निशाना

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ज्वाइंट चीफ्स चेयरमैन जनरल जोसेफ डुनफोर्ड ने कहा कि सीरियाई सरकार के ऐसे ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे रूसी सुरक्षा बलों के साथ टकराव का जोखिम कम रहे. अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा कि सीरियाई सरकार ने पिछली बार केमिकल हमले के बाद की चेतावनी से सीखा नहीं, जिसके चलते इस बार उसके खिलाफ कड़ा कदम उठाया गया. फिलहाल अमेरिकी हमले में सीरिया में किसी के मारे जाने की खबर नहीं हैं. वहीं, रूस ने अमेरिका के मिसाइलों को मार गिराने की चेतावनी दी है.

रूस के राष्ट्रपति का अपमान नहीं किया जाएगा बर्दाश्तः रूसी दूतावास

वहीं, रूस ने भी अमेरिका के खिलाफ सख्त तेवर अख्तियार कर लिया है. अमेरिका में रूसी दूतावास ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीरिया पर हवाई हमले से रूस और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के बीच टकराव होने की आशंका बढ़ गई है. अगर दोनों देशों के बीच जंग शुरू हुई, तो इसके विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं.

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