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अमेरिका की चेतावनी को अनसुना करते हुए उत्तर कोरिया ने एक बार फिर हाईड्रोजन बम का परीक्षण किया. इस परीक्षण के बाद से आसपास के इलाकों में परमाणु विकिरण फैलने की बात कही गई थी. हालांकि चीन की माने तो उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण से सीमा पार कोई विकिरण नहीं हुआ. उत्तर कोरिया के भूमिगत परमाणु परीक्षण के दौरान जमीन से इसका रिसाव होने की आशंकाओं के बीच जापान और चीन ने सोमवार को कहा कि उत्तर कोरिया के इस परीक्षण के बाद उन्हें वायुमंडल में अब तक किसी विकिरण का पता नहीं चला है.
सबसे शक्तिशाली बम
इससे पहले उत्तर कोरिया ने भी इस परीक्षण की पुष्टि करते हुए कहा था कि उसने हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया, जो पूरी तरह सफल रहा. यह बम उत्तर कोरिया की लंबी दूरी की मिसाइलों से भी दागा जा सकता है. वहीं समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, इस धमाके की ताकत पिछले या पांचवें परीक्षण से 9.8 गुना ज्यादा थी. भूकंप संबंधी जानकारी देने वाली निगरानी संस्थाओं ने उत्तर कोरिया के मुख्य परमाणु स्थल के निकट 6.3 तीव्रता का विस्फोट दर्ज किया था.
चीन ने कहा, विकिरण स्तर सामान्य
चीन के पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय एमईपी ने एक बयान में कहा कि चीन के पूर्वोत्तर सीमा क्षेत्र के इलाकों हीलोंगजियांग, जिलिन, लियाओनिंग और शैनडोंग प्रांतों में स्थापित सभी निगरानी स्टेशनों ने विकिरण का स्तर सामान्य दर्ज किया है. एमईपी ने परमाणु परीक्षण की इमरजेंसी हालातों में सीमावर्ती इलाकों में विकिरण के स्तरों की निगरानी शुरू कर दी है. एमईपी ने बताया कि निगरानी का आंकड़ा सार्वजनिक किया जायेगा. वहीं जापान सरकार के वरिष्ठ प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने भी कहा कि ना तो समूचे देश के निगरानी केंद्रों ने कोई विशेष घटना देखी और ना ही कल के विस्फोट के बाद एयर सेल्फ-डिफेंस द्वारा लिये गये नमूनों में कुछ पता चला.
चीन के अर्थेक एडमिनिस्ट्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार रविवार को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया डीपीआरके में 6.3 तीव्रता का भूकंप का झाटका महसूस किया गया था, जिसका केंद्र शून्य किलोमीटर की गहरायी पर था. बताया गया कि भूकंप संभवत: परमाणु विस्फोट के चलते आया. चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस परीक्षण पर सख्त विरोध जताया और इसकी कड़ी निंदा की.