
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को भले ही ईरान से तेल खरीदने की छूट दे दी हो लेकिन अन्य देशों के लिए उनका सख्त रुख बरकरार है. ट्रंप के एक ट्वीट ने जाहिर कर दिया है कि अमेरिका सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है.
पहले अमेरिका चाहता था कि भारत सहित अन्य देश 4 नवंबर को ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दें. इस दिन के बाद अमेरिका की ओर से ईरान पर प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. लेकिन अब अमेरिका की ओर से 8 देशों को राहत देने की खबरें आ रही हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले ही ईरान प्रतिबंध के हवाले से पूरी दुनिया को धमकी देते हुए कहा था कि 4 नवंबर के बाद अगर कोई देश ईरान से कच्चा तेल खरीदता है तोहम सख्त से सख्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं. ट्रंप ने ईरान से कच्चा तेल आयात को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि 4 नवंबर तक ईरान से कच्चे तेल का आयात घटाकर शून्य नहीं करने वाले 'देशों को भी अमेरिका देख लेगा'.
इससे पहले ट्रंप ने मई में अमेरिका को 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाए. ट्रंप ने ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को 4 नवंबर तक अपना आयात घटाकर शून्य करने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी चेतावनी दी है.
इसे लेकर व्हाइट हाउस की ओर से भी एक ट्वीट किया गया है जिसमें कहा है कि अमेरिका फिर से हटाए गए प्रतिबंधों को कड़ाई से लागू कर रहा है. ईरान पर सख्त से सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं जिसके जरिए इस अहम क्षेत्र में भ्रष्ट सरकारों को निशाना बनाया जा सके.
भारत, ईरान से कच्चे तेल का चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है. लेकिन अमेरिका की चेतावनी के बाद भारत अब ईरान से कच्चे तेल की खरीद को सालाना डेढ़ करोड़ टन तक सीमित रखना चाहता है. इससे पहले 2017- 18 में भारत की ईरान से तेल खरीद दो करोड़ 26 लाख टन यानी चार लाख 52 हजार बैरल प्रतिदिन के स्तर पर रही.
क्या है पूरा मामला?
जुलाई, 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों के बीच परणाणु समझौता हुआ था. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति ओबामा ने समझौते के तहत ईरान को परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने के बदले में बैन से राहत दी थी. लेकिन मई, 2018 में ईरान पर ज्यादा दबाव बनाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये समझौता तोड़ दिया.
ट्रंप ने ईरान में कारोबार कर रही विदेशी कंपनियों को निवेश बंद करने के लिए कहा था. अमेरिका ने भारी जुर्माने की भी धमकी दी थी और ईरान से कच्चे तेल की खरीदने वाले देशों को 4 नवंबर तक आयात बंद करने को कहा था.