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हॉन्ग कॉन्ग पर चीन-अमेरिका का टकराव और बढ़ा, सीनेट ने दी प्रतिबंध लगाने की मंजूरी

इस बिल में चीन के वैसे अधिकारियों, बिजनेसमैन और बैंक पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है जो हॉन्गकॉन्ग की स्वायतत्ता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सीनेटरों द्वारा लाए गए इस बिल को सीनेट ने ध्वनि मत से पास कर दिया.

हॉन्गकॉन्ग में तैनात सुरक्षाकर्मी (फोटो- पीटीआई) हॉन्गकॉन्ग में तैनात सुरक्षाकर्मी (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • वाशिंगटन,
  • 26 जून 2020,
  • अपडेटेड 12:50 AM IST

  • चीन पर प्रतिबंध लगाने को US सीनेट की मंजूरी
  • हॉन्गकॉन्ग का नए कानून पर चीन अमेरिका में टकराव

अमेरिकी सीनेट ने हॉन्गकॉन्ग से जुड़े विवादित कानून को लेकर चीन पर प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दे दी है. इससे जुड़े बिल को सीनेट ने पास कर दिया है.

इस बिल में चीन के वैसे अधिकारियों, बिजनेसमैन और बैंक पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है जो हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सीनेटरों द्वारा लाए गए इस बिल को सीनेट ने ध्वनि मत से पास कर दिया.

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इससे पहले इसी महीने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने उस बिल पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें चीन में उइगर मुसलमानों को प्रताड़ित करने वाले चीनी अधिकारियों को दंडित करने का प्रावधान है. इसके ठीक बाद चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के दौर में यूएस ने चीन को दंडित को लेकर एक और बिल कानून बनने की दिशा में है.

हॉन्गकॉन्ग के सुरक्षा कानून को लेकर तनातनी

चीन ने अभी हाल ही में हॉन्गकॉन्ग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया है. 1997 में चीन ने जब हॉन्गकॉन्ग को ब्रिटेन के कब्जे से अपने अधिकार में लिया था तो एक समझौता हुआ था. इस समझौते को एक देश, दो व्यवस्था का नाम दिया गया था. इस समझौते के मुताबिक 2047 तक हॉन्गकॉन्ग के लिए अलग प्रशासनिक व्यवस्था बनाए रखनी थी. इस व्यवस्था के कारण अमेरिका हॉन्गकॉन्ग को स्वायत्त मानता रहा है, लेकिन चीन के नए कानून के बाद हॉन्गकॉन्ग की स्वायतत्ता कम होगी. चीन के इस कानून के खिलाफ हॉन्गकॉन्ग में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहा है.

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राष्ट्रपति के पास संपत्ति जब्त करने का अधिकार

इस बिल के मुताबिक अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट को हर साल कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि कौन से अधिकारी एक देश, दो व्यवस्था के मॉडल को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति के पास ऐसे अफसरों की संपत्ति जब्त करने और अमेरिका में उसकी एंट्री रोकने का अधिकार होगा.

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