
अमेरिका और छह खाड़ी देशों ने लश्कर-ए-तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों की फंडिग रोकने के लिए समझौता किया है. अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा, अमेरिका और खाड़ी सहयोग परिषद् (जीसीसी) के छह सदस्य देशों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ऐतिहासिक दौरे के दौरान रियाद में इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किये.
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सऊदी अरब के दौरे पर थे. इस यात्रा के दौरान उनके बीच कई मुद्दों पर बात हुई. साथ ही कई समझौते भी हुए. इन सब में ये महत्वपूर्ण समझौता है. इस समझौते के होने से आंतकवादी संगठनो को रोका जा सकता है. आतंकवाद के बढ़ने का मुख्य कारण आतंकवादी संगठनों को हो रही फंडिग है. इस फंडिग की वजह से ही आतंकवाद को बढ़ावा मिल रहा है. इस अनुबंध से इसे रोका जा सकता है.
अमेरिका के साथ इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों देशों में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सउदी अरबिया और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने आतंकवाद फंडिग लक्षित केन्द्र (टीएफटीसी) स्थापित करने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किया.
इसके तुरंत बाद उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अमेरिका और जीसीसी के छह सदस्य देश आईएसआईएस, अलकायदा, हिजबल्लाह, लश्करे तैयबा, तालिबान, हक्कानी नेटवर्क जैसे नये तथा उभरते आतंकवादी संगठनों से मुकाबला करेंगे. बयान में कहा गया कि यह गठबंधन ईरान, असद शासन और यमन की स्थिति समेत पश्चिम एशिया से उत्पन्न अन्य खतरों से भी निपटेगा.