
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता के भारत के प्रयास का जहां चीन और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से विरोध किया है, वहीं अमेरिका ने कहा है कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करता है. यही नहीं यूएस ने भारत को इस महत्वपूर्ण निकाय का सदस्य बनने के लिए तैयार बताया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दिया था जोर
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, 'मैं आपको उस बिंदु की ओर ले जाना चाहता हूं जो राष्ट्रपति ने साल 2015 के अपने भारत दौरे के समय रखा था. वहां उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अमेरिका की राय है कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था की जरूरतों को पूरा करता है और एनएसजी की सदस्यता के लिए तैयार है.'
'...ये तो चीन और पाकिस्तान से ही पूछिए'
किर्बी का यह बयान उन खबरों के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में आया, जिनमें कहा गया था कि एनएसजी की सदस्यता के भारत के प्रयास का विरोध करने के लिए चीन और पाकिस्तान ने हाथ मिला लिया है. किर्बी ने कहा, 'मैं आपको कहूंगा कि भारत की सदस्यता के बारे में चीन और पाकिस्तान की सरकारों के रुख को लेकर आप उनसे सवाल करिए.'