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पेरिस जलवायु समझौते से अलग हुआ US, ट्रंप बोले- भारत-चीन के लिए सख्त नहीं प्रावधान

ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में कहा, ‘हमारे नागरिकों के संरक्षण के अपने गंभीर कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हट जाएगा. हम उससे हट रहे हैं और फिर से बातचीत शुरू करेंगे.’

अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप
राम कृष्ण
  • वॉशिंगटन,
  • 02 जून 2017,
  • अपडेटेड 9:55 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से अलग कर लिया. ट्रंप का कहना है कि इस समझौते में भारत और चीन के लिए सख्त प्रावधान नहीं किए गए हैं, जबकि ये दोनों देश प्रदूषण रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. इस तरह ग्लोबल वार्मिंग से निपटने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशों से अमेरिका अलग हो गया.

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ट्रंप ने व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में कहा, ‘हमारे नागरिकों के संरक्षण के अपने गंभीर कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हट जाएगा. हम उससे हट रहे हैं और फिर से बातचीत शुरू करेंगे.’ ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि जलवायु परिवर्तन को लेकर पेरिस समझौते में अमेरिकी हितों के लिए एक उचित समझौता हो.

इस पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रंप की निंदा करते हुए कहा कि अमेरिका समझौते का पालन न कर भावी पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है. डेमोक्रेटिक सांसदों ने भी ट्रंप के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है. इसके अलावा यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जीन क्लाउडे जंकेर ने भी ट्रंप के कदम को बेहद गलत फैसला करार दिया है.

ट्रंप बोले- अमेरिका के लिए बेहद खराब समझौता
ट्रंप ने कहा कि पेरिस जलवायु समझौता अमेरिका के लिए बेहद खराब करार है. इस समझौते से अमेरिका को अलग करने की घोषणा करते हुए ट्रंप ने यह भी कहा कि वह पेरिस समझौते पर फिर से बातचीत शुरू करेंगे, ताकि अमेरिका और इसके लोगों के हित में उचित समझौता किया जा सके.

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अरबों डॉलर पाने के लिए भारत समझौते में हुआ शामिल
ट्रंप ने कहा कि विकसित देशों से अरबों डॉलर पाने के लिए भारत पेरिस जलवायु समझौते में शामिल हुआ है. यह समझौता अमेरिका के लिए अनुचित है. उन्होंने आरोप लगाया कि भारत और चीन अपने कोयला उत्पादन के स्तर को दोगुना करेंगे. इससे पहले अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका को दोबारा से महान बनाने के लिए ये कदम उठा रहे हैं. 

ट्रंप के कहने का मतलब यह था कि अब वह अमेरिका की शर्तों पर जलवायु समझौता चाहते हैं. ट्रंप ने कहा कि वह ऐसा समझौता करना चाहते हैं, जो अमेरिका के औद्योगिक हितों की रक्षा करे और अमेरिकियों की नौकरियां बचाता हो. ट्रंप ने अपने चुनावी एजेंडे में भी अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से अलग करने को भी शामिल किया था. इस कदम के साथ उन्होंने अपने इस चुनावी वादे को भी पूरा कर दिया.

 The Paris Accord is a bad deal for Americans, and @POTUS' action today is keeping his promise to put American workers first. pic.twitter.com/YfbnaymerP

ट्रंप के चुनावी एजेंडे में भी था शामिल
इससे पहले 31 मई को अमेरिका के राष्ट्रति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, रूस और चीन पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये देश प्रदूषण रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे है, जबकि इसके लिए अमेरिका करोड़ों डॉलर दे रहा है. मालूम हो कि पेरिस समझौते पर 190 से अधिक देशों ने सहमति जताई थी. इसकी पहल तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने खुद की थी. साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अक्सर कहते आ रहे हैं कि अमेरिका ने पेरिस में ‘सही सौदा’ नहीं किया. भारत में अमेरिकी राजदूत रहे भारतवंशी रिचर्ड वर्मा ने ट्वीट कर ट्रंप के फैसले को बेहद खराब और कमजोर बताया.

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A sad and weak decision. https://t.co/3XD00ZrtDG

 

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