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अमेरिका ने PAK को चेताया- आतंक की शरणस्थली बनना नहीं करेंगे बर्दाश्त

भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने पर यहां अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि दोनों में से कोई भी देश आतंकवादियों को शरण देने और उनका समर्थन करने वाली व्यवस्था के प्रति आंखें नहीं मूंद सकता. उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ संबंधों के प्रति रवैया पहले से अलग है.

निक्की हेली निक्की हेली
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 29 जून 2018,
  • अपडेटेड 8:45 AM IST

अमेरिका ने गुरुवार को कड़े शब्दों में पाकिस्तान से कहा कि वह उसकी सरकार के आतंकवादियों को पनाह मुहैया कराने को बर्दाश्त नहीं कर सकता. उसने यह भी कहा कि वॉशिंगटन और नई दिल्ली को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिए.

भारत-अमेरिका संबंधों को आगे बढ़ाने पर यहां अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा कि दोनों में से कोई भी देश आतंकवादियों को शरण देने और उनका समर्थन करने वाली व्यवस्था के प्रति आंखें नहीं मूंद सकता. उन्होंने कहा कि अमेरिका का पाकिस्तान के साथ संबंधों के प्रति रवैया पहले से अलग है.

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उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान कई मामलों में अमेरिका का भागीदार है, लेकिन आतंकवादियों को पाकिस्तानी सरकार या किसी अन्य सरकार के पनाह देने को वह बर्दाश्त नहीं कर सकता. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउन्डेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 46 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी नागरिक हेली ने कहा, 'हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम पाकिस्तान को पहले की तुलना में अधिक सख्ती से यह संदेश दे रहे हैं और हमें बदलाव की उम्मीद है.'  

अमेरिका और भारत दोनों के आतंकवाद के दर्द का अनुभव करने की बात पर गौर करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश आतंकवादियों और उन्हें प्रेरित करने वाली घृणा की विचारधारा को परास्त करने के लिये प्रतिबद्ध हैं.

हेली ने कहा,  'हमें खतरा पहुंचाने वाले आतंकवादी नेटवर्क का सफाया करने और आतंकवादियों और उसके प्रायोजकों से परमाणु हथियारों को दूर रखने में हमारी दिलचस्पी है.' उन्होंने कहा, 'दोनों देशों ने एक दशक पहले खौफनाक मुंबई हमले में अपने नागरिकों को गंवाया. लोकतंत्र के तौर पर अमेरिका और भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अवश्य वैश्विक अगुवा बनना चाहिये.'  

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ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अमेरिका और भारत ने पिछले दशक में आतंकवाद से मुकाबले में अपने सहयोग को बढ़ाया है. उन्होंने कहा, 'हम कर सकते हैं तथा हमें अवश्य और प्रयास करना चाहिए. हमें अपनी रक्षा के लिए अपनी राष्ट्रीय शक्ति-आर्थिक, राजनयिक और सैन्य शक्ति के सभी तत्वों का अवश्य इस्तेमाल करना चाहिए.'  

हेली ने कहा कि इसमें आतंकवादी नेताओं और नेटवर्कों को प्रतिबंधित सूची में डालने के लिये संयुक्त राष्ट्र में साथ मिलकर काम करना शामिल है. दो दिवसीय यात्रा पर भारत आईं हेली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बुधवार को मुलाकात की और आतंकवाद निरोध समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारत-अमेरिका सहयोग को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की.

उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी मुलाकात की और रणनीतिक भागीदारी को प्रगाढ़ बनाने के उपायों पर चर्चा की. हेली ने 2014 के उत्तरार्द्ध में भारत की यात्रा की थी. उस वक्त वह साउथ कैरोलिना प्रांत की गवर्नर थीं. वह किसी अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर काम करने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी हैं.

पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने पर निक्की के कड़े बयान के बारे में पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'पाकिस्तान से उपज रहे आतंकवाद पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है और मेरे ख्याल से मैं उसे साझा कर चुका हूं. पाकिस्तान को अपनी धरती से उपज रहे आतंकवाद को काबू करने के लिए कदम उठाने चाहिए. इसे आतंकवादियों को काबू करना चाहिए जो देश में खुले घूम रहे हैं.'

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