
स्मार्टफोन, कंप्यूटर और इंटरनेट आपकी दिनचर्या में शामिल होंगे. सिक्योरिटी और निजता की चर्चा तो आप खूब करते होंगे, लेकिन आपको याद है आखिरी बार अपने ईमेल या फेसबुक का पासवर्ड कब बदला था? खतरनाक हैकर्स से बचने के लिए हम आपको कुछ तरीके बताते हैं जिनपर अमल करके आप खुद की ऑनलाइन प्रेजेंस सिक्योर कर सकते हैं.
अगर आप पहले से इन टिप्स पर अमल करते हैं तो अच्छी बात है, लेकिन अगर पहले ऐसान नहीं किया तो अब वक्त आ गया है.
सेफ पासवर्ड - किसी भी अकाउंट के पासवर्ड में स्पेशल कैरेक्टर और डिजिट्स जरूर रखें. कैप्स और स्मॉल का कॉम्बिनेशन भी रखें. इसके अलावा कम से कम हर छह महीने पर पासवर्ड बदलते रहें.
एंटी वायरस - प्रीमियम एंटी वायरस यूज करें और उसे हमेशा अपडेट रखें. समय समय पर अपने कंप्यूटर और स्मार्टफोन को उससे स्कैन करते रहें.
अपडेट - कंप्यूटर और स्मार्टफोन के अपडेट्स को कभी इग्नोर न करें. क्योंकि कंपनियां इसके जरिए सिक्योरिटी पैच देती हैं जो आपके सिस्टम को सुरक्षित रखते हैं. क्योंकि हर दिन नए वायरस लिखे जाते हैं और पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम उसे समझ नहीं पाते.
टु स्टेप ऑथेन्टिकेशन - जीमेल और दूसरी ऑनलाइन सर्विस टू स्टेप ऑथेन्टिकेशन फीचर देती हैं . अगर आपका मोबाइल चोरी या क्लोन हो गया फिर भी कोई दूसरा आपकी आईडी को ऐक्सेस नहीं कर सकता है. क्योंकि इसमें हर बार ओटीपी आती है.
डिवाइस लॉक - अपने स्मार्टफोन या लैपटॉप को हर वक्त फिंगरप्रिंट स्कैनर या पिन के जरिए लॉक रखें. क्या पता आपके आसपास वाला ही हैकर हो और आपके साथ धोका कर ले.
ऐप इंस्टॉलेशन - कंप्यूटर और मोबाइल में किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले ये देख लें कि वो वेरिफाइड पब्लिशर का है या नहीं. इसके अलावा यह भी देखें कि वो आपके स्मार्टफोन से कौन कौन सी जानकारियां हासिल करेगा.
राउटर को सिक्योर रखें - अगर आपका राउटर सिक्योर नहीं है तो मुमकिन है आप 100 फीसदी हैक हो जाएंगे. क्योंकि अगर राउटर हैक हुआ तो उससे जुड़े सभी डिवाइस के ट्रैफिक से पासवर्ड चुराया जा सकता है. इसलिए इसमें मजबूत पासवर्ड लगा कर रखें और अनजान को न बताएं.
ईमेल, पॉपअप और फर्जी लिंक - किसी भी ऐसे ईमेल में दिए गए अटैचमेंट को न खोलें जो पूरी तरह अंजान हों और फर्जी लग रहे हैं. क्योंकि हैकर्स के लिए सबसे आसान होता है किसी लिंक के जरिए आपके सिस्टम को अपने कंट्रोल में लेना. ऐसे ही आप किसी पॉप अप विज्ञापन और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे फर्जी लिंक को ओपन करने से भी बचें.
ऑनलाइन पैसों के लेनदेन में सावधानी - ऑनलाइन शॉपिंग हो, किसी को पैसे भेजने हो या रिचार्ज करना हो इन सब में आपको सावधान रहने की जरूरत है. चाहे इंटरनेट बैंकिंग पासवर्ड हो या फिर क्रेडिट डेबिट कार्ड इनकी डीटेल दर्ज करने से पहले वेबसाइट सिक्योर है या नहीं यह जरूर देखें. वेबसाइट में सिक्योरिटी का डिजिटल सर्टिफिकेट और URL में पैडलॉक का आइकन होना जरूरी है.
पब्लिक वाईफाई - किसी भी पब्लिक वाईफाई को इंटरनेट के चक्कर में न यूज कर लें. क्योंकि इसके जरिए आपके स्मार्टफोन का मेटाडेटा हैकर्स आसानी से उड़ा सकते हैं. इसलिए कनेक्ट होने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वो सिक्योर है या नहीं.
एक्स्ट्रा टिप्स
वेबकैम पर टेप लगा कर रखें - चाहे अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबाआई के डायरेक्टर हों या फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग अपने सिक्योरिटी के लिए लैपटॉप के वेबकैम पर टेप लगा कर रखते हैं. ताकि कोई आपके वेबकैम से आप पर निगरानी ने कर सके.