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उत्तर प्रदेश के रामपुर में स्थित मौलाना मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी का दर्जा दिए जाने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है. ये मंजूरी प्रदेश के कार्यवाहक राज्यपाल डॉ अजीज कुरैशी ने दी है.
यह यूनिवर्सिटी सपा नेता आजम खान का है. आजम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक का दर्जा दिलाना चाह रहे थे. पर पूर्व राज्यपाल राजेश्वर और जोशी ने इस विधेयक को इसलिए रोक रखा था क्योंकि इसमें संविधान के अनुसार, अल्पसंख्यक दर्जे के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी लिए जाने का प्रावधान नहीं था. इस विधेयक को लेकर कई वर्षों से आजम खान व राजभवन के बीच रिश्ते तल्ख बने हुए थे.
इसके जगह यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक दर्जा प्रदान किए जाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की अनुमति को आधार बनाया गया है. विधायी मामलों के जानकारों का कहना है कि विवि को अल्पसंख्यक दर्जा प्रदान करने के लिए नियमों में यूजीसी के अनुमोदन की कोई व्यवस्था नहीं है. जबकि राज्य सरकार ने इसी आधार पर विवि को अल्पसंख्यक दर्जा देने का विधेयक पास कराया है.
बीएल जोशी के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. कुरैशी को यूपी की भी जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने विधानमंडल से पारित हो चुके विधेयक को मंजूरी दे दी. कुरैशी ने भविष्य में राजनीतिक वजहों से यूनिवर्सिटी पर किसी तरह की आंच न आए इसका भी इंतजाम कर दिया. अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद जौहर विवि को अल्पसंख्यक दर्जा मिलने की सभी कानूनी बाधाएं दूर हो गई हैं.